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    हर खेत तक पानी पहुंचाकर गांवों को बनाएंगे आत्मनिर्भर

  • July 16, 2020

    • मुख्यमंत्री बोले सरकार का फोकस खेती, किसान और गांवों के विकास पर

    भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि आपदा को अवसर में बदलने की दिशा में सरकार काम कर रही है। इसके लिए खेती, किसान एवं गांवों के अधिकाधिक विकास की आवश्यकता है। इसके लिए खेती की एक-एक इंच जमीन को सिंचित करने का लक्ष्य तय किया है। तभी गांव आत्मनिर्भर बनेंगे। मध्यप्रदेश में सिंचाई क्षमताएं बढ़ाने के लिए विशेष कार्य हुए हैं। गत वर्षों में हमने प्रदेश में सिंचाई क्षमता को 7.5 लाख हैक्टेयर से 42 लाख हैक्टेयर तक पहुंचाया है। मुख्यमंत्री ने नाबार्ड की बार्षिक बैठक में यह बात कही।
    चौहान ने कहा कि यह अत्यंत हर्ष का विषय है कि नाबार्ड द्वारा आज मध्यप्रदेश के लिए 1425 करोड़ रूपये की लिफ्ट इरीगेशन को स्वीकृति दी गई है। साथ ही अन्य परियोजनाओं के लिए 4 हजार करोड़ का ऋण भी स्वीकृत किया है। मध्यप्रदेश ने कृषि विकास में 24 प्रतिशत तक विकास दर हासिल की है। इसका एक प्रमुख कारण सिंचाई के क्षेत्र में विशेष प्रयास है। इस विकास दर को हासिल करने में नाबार्ड का विशेष सहयोग रहा है। नाबार्ड द्वारा कृषि, ग्रामीण क्षेत्रों के विकास एवं कृषि अधोसंरचना विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई गई है। नाबार्ड के अध्यक्ष जी.आर. चिंताला मुंबई से वीसी में शामिल हुए। उन्होंने बताया कि गत 15 वर्षों में मध्यप्रदेश की कृषि विकास दर 10 प्रतिशत से भी काफी अधिक रही है, जबकि देश की 4 प्रतिशत के लगभग रही। मध्यप्रदेश में सिंचाई सेवाओं का अभूतपूर्व विस्तार हुआ है।

    वाटर हार्वेस्टिंग के मामले में देवास मॉडल देशभर में प्रसिद्ध
    देवास के कृषि विशेषज्ञ डॉ. सुनील चतुर्वेदी ने मुख्यमंत्री को बताया कि जिले में रूफ वॉटर हारर्वेस्टिंग तकनीक को विकसित किया गया, जिससे आसपास के क्षेत्रों में पेयजल की उपलब्धता एवं भू-जल स्तर वृद्धि में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल हुई। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि हमारा देवास मॉडल देशभर में प्रसिद्ध है।

    अनुदान सहायता परियोजनाओं का शुभारंभ किया
    चौहान द्वारा नाबार्ड की 2381.69 लाख रूपये की अनुदान सहायता परियोजनाओं का शुभारंभ किया गया। इनसे प्रदेश के 10.82 लाख परिवार लाभान्वित होंगे। इनमें मुख्यत: स्व-सहायता समूहों संबंधी ई-शक्ति परियोजना (प्रदेश के सभी जिलों में) 1587 लाख, प्रवासी मजदूरों के लिए आजीविका कार्यक्रम 275.67 लाख, वित्तीय साक्षरता एवं समावेशन कार्यक्रम 321.89 लाख, कृषि उत्पादक संघ, वाटरशेड परियोजना 196.89 लाख रूपये की है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के किसानों के रोजगार के? लिए कृषि क्षेत्र के 5 मॉडल प्रोजेक्ट्स और प्रदेश में नाबार्ड के योगदान की किताबों का विमोचन भी किया।

    स्व-सहायता समूह बनाएंगे लोकल को वोकल
    चौहान ने कहा कि प्रदेश में स्व-सहायता समूहों को सशक्त करने के लिए प्रभावी कार्य किए जा रहे हैं। सरकार अब इन्हें 4 प्रतिशत ब्याज दर पर आर्थिक गतिविधियों के लिए ऋण उपलब्ध कराएगी। नाबार्ड की ई-शक्ति योजना पर पूरा अमल किया जाएगा। महिला स्व-सहायता समूह लोकल को वोकल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

    स्वयं सहायता समूह के कार्यों को सराहा
    मुख्यमंत्री ने महिला स्व-सहायता समूहों, कृषक उत्पादक संघों के प्रतिनिधियों, प्रगतिशील किसानों से वीडियो कॉफ्रेंसिंग से बात की। रतलाम जिले की गंगा स्व-सहायता समूह की छपली बाई ने बताया कि उनका समूह ब्लॉक प्रिंटिंग, पंजाबी सूट बनाने, चूड़ी निर्माण आदि का कार्य करता है। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि आपकी चादर की बहुत तारीफ होती है मुझे भी आपकी चादर देखनी है। इस पर छपली बाई ने प्रसन्न होकर मुख्यमंत्री को अपनी ब्लॉक प्रिंटिंग से बनाई चादर दिखाई। मुख्यमंत्री ने कार्य की सराहना की। उन्होंने संगम स्व-सहायता समूह देवास की श्रीमती नंदिनी वर्मा, दुर्गा स्व-सहायता समूह धार की धापू बाई तथा ओम जय जगदीश हो स्व-सहायता समूह की उमा रजक से भी बातचीत कर उनके स्व-सहायता समूहों की गतिविधियों की जानकारी ली।

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