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    हर वार्ड में चुनाव नहीं लडऩे वाले वरिष्ठ नेता को पर्यवेक्षक बनाएंगे

  • November 22, 2020

    • उपचुनाव की हार को भूलकर कांग्रेस निगम चुनाव की तैयारी में जुटी
    • वार्ड में रहकर ब्लाक अध्यक्ष, मंडलम अध्यक्ष और सम्पर्क का काम सौंपेंगे
    • स्थानीय कांग्रेस के प्रस्ताव को प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने मंजूरी दी
    • सर्वे के आधार पर ही वार्ड में जीतने योग्य प्रत्याशी का चयन किया जाएगा

    भोपाल। हाल ही में 28 विधानसभा सीटों पर सम्पन्न हुए हुए उपचुनाव के परिणाम को भूलकर कांग्रेस अब निगम चुनाव की तैयारी में जुट गई है। निगम चुनाव कांग्रेस दमदारी से लड़े, इसको लेकर जो रणनीति बनाई गई है उसके चलते हर वार्ड में कांग्रेस ऐसे वरिष्ठ नेता को पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी सौंपेगी, जो निगम चुनाव लडऩा नहीं चाहता। पर्यवेक्षक वार्ड में सक्रिय रहकर वार्ड अध्यक्ष, मंडलम अध्यक्ष और मतदाताओं से सीधे सम्पर्क का काम करेगा। वहीं कांग्रेस विधानसभा चुनाव की तर्ज पर ही निगम चुनाव में तीन तरह का सर्वे कराएगी और सर्वे में जो जीतने योग्य उम्मीदवार होगा, उसे ही टिकट देगी।
    उपचुनाव के परिणाम के बाद कांग्रेस की अधिकांश शहर और जिला इकाइयों के अध्यक्षों ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी के समक्ष जो प्रस्ताव भेजा है, उसे पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ ने मंजूरी दे दी है। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार निगम चुनाव में ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतकर अपनी परिषद बनाए कांग्रेस इसकी रणनीति में अभी से जुट गई है। कांग्रेस ने जो रणनीति बनाई है, उसमें सबसे महत्वपूर्ण निर्णय यह लिया गया है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी तो शहर के लिए अलग से पर्यवेक्षक नियुक्त करेगी ही, वहीं शहर और जिला इकाई अध्यक्ष अपने-अपने शहरों में हर वार्ड के लिए अलग से पर्यवेक्षक नियुक्त करेगा। पर्यवेक्षक उसे ही बनाया जाएगा, जो पार्टी का वरिष्ठ नेता है और उसे वार्ड की पूरी जानकारी है और वह स्वयं नगर निगम का चुनाव लडऩा नहीं चाहता। पर्यवेक्षक वार्ड में पूरे समय मौजूद रहकर चुनाव की निगरानी का काम भी करेगा और इसकी रिपोर्ट सीधे शहर और जिला इकाई के अध्यक्ष को सौंपेगा। प्रदेश कांग्रेस कमेटी की मंजूरी मिलने के बाद वार्ड स्तर पर पर्यवेक्षकों की सूूची बनना शुरू हो गई है और इसकी घोषणा भी शीघ्र की जाएगी।

    सर्वे और पर्यवेक्षक की रिपोर्ट प्रत्याशी चयन का आधार बनेगी
    विधानसभा चुनाव के दौरान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ ने प्रत्याशी चयन के लिए तीन तरह का सर्वे कराया था। उसके बाद ही जीतने योग्य प्रत्याशी को टिकट दिया गया था। इसका परिणाम यह रहा था कि 15 साल के बाद प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी, मगर राजनीतिक उठापटक के चलते 15 महीने में ही यह सरकार गिर गई। सर्वे के अच्छे परिणाम सामने आने के बाद निगम चुनाव में भी इसे महत्व दिया जाएगा। तीन तरह का सर्वे पार्षद प्रत्याशी के लिए होगा और वार्ड के लिए नियुक्त पर्यवेक्षक की रिपोर्ट प्रत्याशी चयन का आधार बनेगी।

    योग्य प्रत्याशी की अनुशंसा
    प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्देश पर इंदौर शहर के 85 वार्डों में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी और इसकी सूची शीघ्र ही जारी होगी। कांग्रेस निगम का चुनाव दमदारी से लड़ेगी और जीतने योग्य प्रत्याशी को ही टिकट देने की अनुशंसा प्रदेश कांग्रेस कमेटी को करेगी।
    विनय बाकलीवाल, शहर कांग्रेस अध्यक्ष

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