कलेक्टर ने खाद्य अमले को दी दोटूक चेतावनी, सुधर जाएं अन्यथा घर बैठा दूंगा
इन्दौर। जिस तरह सफाई के मामले में इन्दौर लगातार चार बार पूरे देश में नंबर वन रहा, उसी तरह मिलावट मुक्ति में भी इन्दौर को नंबर वन बनाने का बीड़ा कलेक्टर मनीषसिंह ने उठाया है, जिमसें व्यापारी एसोसिएशन, संगठनों का भी सहयोग लिया जाएगा। खाद्य विभाग से जुड़े अधिकारियों, निरीक्षकों को दोटूक चेतावनी भी दी कि वे सुधर जाएं अन्यथा घर बैठा दिए जाएंगे। सालों से जमे दो अफसरों को उन्होंने दो दिन पहले एडीएम कार्यालय में अटैच भी कर दिया, वहीं कल आधा दर्जन एएनएमएस को निलंबित भी किया गया।
उल्लेखनीय है कि मनीषसिंह ने ही निगमायुक्त रहते हुए इन्दौर को स्वच्छता में पहली बार नंबर वन बनाया था और उसके बाद लगातार यह सिलसिला जारी था। इसी के साथ-साथ आवारा पशुओं को सडक़ों से हटाने, ठेले, गुमटी सहित अन्य अभियान भी उन्होंने चलवाए और अब कलेक्टर के रूप में माफियाओ के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई शुरू की गई तो उसके साथ ही मिलावटखोरों के ठिकानों पर भी लगातार छापे डाले जा रहे हैं और पहली बार मिलावट के मामले में दोषी पाई गई फैक्ट्री को जमींदोज तक करवा दिया गया। कल कलेक्टर स्वास्थ्य विभाग के सीएमएचओ आफिस पहुंचे और खाद्य एवं औषधि प्रशासन के अधिकारियों, निरीक्षकों को दोटूक चेतावनी दी कि इन्दौर को मिलावट मुक्त करना है और इसमें अगर ढिलाई बरती गई तो वे सख्त कार्रवाई करेंगे और विभागीय जांंच के साथ-साथ टर्मिनेट भी कर दिया जाएगा। उन्होंने नमकीन, दूध से लेकर अन्य खाद्य पदार्थों से जुड़ी व्यापारी एसोसिएशन को भी यह जिम्मेदारी दी है कि वे इन्दौर को मिलावटमुक्त करने के इस अभियान में सहयोग करें। 22 दिसम्बर को व्यापारी एसोसिएशन को मिलावट मुक्त उत्पाद हेतु प्रशिक्षण भी दिया जाएगा और लायसेंस से पहले भी एसो. में पंजीयन अनिवार्य करेंगे, ताकि हर व्यापारी पर एसोसिएशन की भी निगाह रहे। इन्दौर को मिलावट मुक्ति में भी नंबर वन बनाने का लक्ष्य कलेक्टर ने रखा है।
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