न्याय करने वालों के साथ न्याय करना प्राथमिकता
अदालत में जजों के लिए ना बैठने की सुलभ व्यवस्था और ना ही पार्किंग की सुविधा
इंदौर। वर्तमान व्यवस्थाओं में लोगों के साथ न्याय करने वाले न्यायाधीश कई समस्याओं से संघर्ष कर रहे हैं। हालत यह है कि कोर्ट में जजों के लिए बैठने तक की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। आवास के लिए उन्हें संघर्ष करना पड़ रहा है। कोर्ट परिसर का आलम यह है कि न्यायाधीशों तक के वाहन पार्क करने की सुविधा नहीं है। न्यायिक संघ का अध्यक्ष होने के नाते मेरी प्राथमिकता रहेगी कि जजों को मुकम्मिल सुविधा और सुरक्षित वातावरण हासिल हो।
इंदौर के प्रमुख जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुबोध कुमार जैन ने मध्यप्रदेश न्यायिक संघ का अध्यक्ष चुने जाने पर कहा कि न्यायाधीश पूरी तरह से न्याय व्यवस्थाओं के लिए समर्पित होते हैं। ऐसे में उन्हें मुकम्मिल सुविधा और सुरक्षित वातावरण मिलना आवश्यक है, लेकिन इंदौर ही नहीं, बल्कि प्रदेश के अन्य शहरों में न्यायाधीशों के लिए अदालतों में बैठने तक की सुविधा उपलब्ध नहीं है। कई अदालतें तो ऐसी हैं, जहां वकीलों को भी खड़े रहने में मुश्किल आती है। अदालतों में पार्किंग तक की व्यवस्थाएं सुलभ नहंीं है। हमें न्यायिक सेवाओं को सुदृृढ़ बनाना है तो जजों की सुविधाओं क ख्याल रखना आवश्यक होगा, ताकि उनकी कार्यकुशलता में वृद्धि हो सके। उन्होंने कहा कि न्यायाधीशों के लिए आवास की व्यवस्था सुलभ नहीं है, उन्हें शासकीय आवास मिलना चाहिए और जो शासकीय आवास हैं भी तो उनकी हालत जर्जर है। कई स्थानों पर तो शासकीय आवास नहीं होने के कारण उन्हें निजी आवासों में किराए का मकान लेना पड़ता है। एक ओर हम जहां न्यायिक सेवा से निष्पक्षता की उम्मीद रखते हैं, वहीं यदि न्यायाधीश आम लोगों के बीच रहने लगेंगे तो निश्चित रूप से उन पर सवालिया निशान उठेंगे। किराए के मकान में रहते हुए न्यायाधीश मकान मालिक और अन्य परिवारों के साथ यदि रहेंगे तो उसका गलत फायदा उठाया जा सकता है। इसी तरह न्यायाधीशों के लिए ड्राइवरों की व्यवस्था होना चाहिए। अदालतों में स्वयं जज गाड़ी चलाकर आते हैं और उन्हें घंटों तक पार्किंग की समस्याओं से जूझना पड़ता है। यह स्थितियां बड़ी विकट होती हैं। इसके साथ ही जजों पर प्रकरणों का काफी बोझ होता है और उसका कारण है कि पर्याप्त संख्या में जजों की नियुक्तियां नहीं हैं। जजों के रिक्त पदों की भर्ती कराना और काम के बोझ को कम करना भी प्राथमिकता रहेगी।
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