तालीबानी प्रवक्ता का विस्फोटक साक्षात्कार…पाकिस्तान के उड़े होश
नई दिल्ली। अशरफ गनी सरकार (ashraf ghani government) को बेदखल कर अफगानिस्तान (afghanistan) पर कब्जा जमा चुके खौफनाक तालिबान (taliban) के सुर काफी नरम हैं। तालिबान (taliban) अब विकास, शांति की पहल करते हुए अमेरिका, चीन सहित भारत से भी बेहतर संबंध रखने की बात कह रहा है। तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने भारतीय मीडिया (indian media) को दिए साक्षात्कार (interview) में भारत से अच्छे रिश्ते बनाने के संकेत देकर कश्मीर (kashmir) का ख्वाब देख रहे पाकिस्तान (pakistan) के होश उड़ा दिए हैं।
कश्मीर को लेकर पूछे गए सवाल पर तालिबानी प्रवक्ता शाहीन (spokesperson suhail shaheen) ने कहा कि हम अफगानिस्तान (afghanistan) की धरती का इस्तेमाल किसी दूसरे मुल्क के विरुद्ध कतई नहीं होने देंगे। यह हमारी नीति है। कश्मीर भारत का अंदरूनी मामला है, इसको लेकर हम कभी भी पाकिस्तान (pakistan) का साथ नहीं देंगे। अफगानिस्तान में रह रहे हिन्दुस्तानियों के जान-माल को कोई खतरा नहीं है, उन्हें हम पर्याप्त सुरक्षा देंगे। जिनके पास वीजा एवं पर्याप्त दस्तावेज हैं, वे बाद में भी कमर्शियल फ्लाइटों से आ-जा सकेंगे। उन्होंने कहा कि भारत (india) की अफगानिस्तान (afghanistan) में चल रही विकास योजनाओं को कोई खतरा नहीं है। भारत यदि यहां विकास के लिए आएगा तो हम उसका स्वागत करेंगे। शाहीन ने चीन को भी दोस्त बताया और अमेरिका सहित अन्य देशों से भी अच्छे संबंध रखने की बात कही। उन्होंने कहा कि अफगान में तालिबान को पाकिस्तान (pakistan) की मदद बकवास है। अमेरिका द्वारा छोड़े गए हथियारों का इस्तेमाल हम देश की सुरक्षा के लिए करेंगे। कश्मीर पर शाहीन के बयान से पाकिस्तान के मंसूबों पर पानी फिर सकता है, क्योंकि इससे पहले पाकिस्तान (pakistan) ने कहा था कि तालिबान कश्मीर जीतकर पाकिस्तान (pakistan) को गिफ्ट में देगा।
भारत बड़ा देश…संबंध सुधारेंगे : शेर मोहम्मद
तालिबानी प्रवक्ता सुहैल शाहीन के सुर में सुर मिलाते हुए एक और बड़े तालिबानी नेता शेर मोहम्मद अब्बास ने भारत को दुनिया को बड़ा देश बताते हुए संबंध सुधारने की इच्छा जताई।
पांच लाख अफगानी छोड़ सकते हैं देश
अफगानिस्तान (afghanistan) से अमेरिका सहित कई देशों द्वारा अपने नागरिकों को निकाले जाने के बीच तालिबान (taliban) ने कल काबुल एयरपोर्ट (kabul airport) के कुछ गेट को बंद कर दिया, जिससे देश से बाहर निकलने की उम्मीद लगाए बैठे लोगों को झटका लगा। अनुमान है कि आगामी चार महीनों में 5 लाख अफगानी देश छोड़ सकते हैं।
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