भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सरदार सरोवर बांध के डूब से प्रभावितों के पुनर्वास के लिये राहत कार्यों को पूर्ण तत्परता से करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री चौहान नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण की 14वीं रिव्यू कमेटी की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में बताया गया कि सरदार सरोवर बांध पहली बार वर्ष 2019 में पूरा भरने से डूब क्षेत्र में मध्यप्रदेश के 76 ग्रामों की भूमि, मकान, सड़के, कृषि भूमि आयी थी। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि डूब प्रभावित क्षेत्रों के लोगों के पुनर्वास, अधोसंरचना जैसे सड़क, पुल-पुलिया, भू-अर्जन आदि प्रकरणों के निराकरण पर हुये व्यय और विद्युत के कम उत्पादन से म.प्र. सरकार को हुयी क्षति के लिये गुजरात और म.प्र. सरकारों के मध्य आवश्यक राशि के आदान-प्रदान के लिये दोनो सरकारें आर्बिट्रेटर नियुक्त करेगी। अपर मुख्य सचिव आई.सी.पी. केशरी ने बताया कि 2019 में पहली बार सरदार सरोवर बांध के पूर्ण रूप से भरने से कृषि भूमि, मकान, सड़क, पुल-पुलिया डूब में आयी, जिसका चिन्हांकन कमिश्नर पुनर्वास और इंदौर सम्भाग के संभागायुक्त द्वारा किया जा चुका है।
बांध से कम हो रहा बिजली उत्पादन
सरदार सरोवर बांध से कम विद्युत उत्पादन लेने के कारण मध्यप्रदेश सरकार को 904 करोड़ की क्षति हुयी है। प्रथम बार बांध भरने पर नवीन भू-अर्जन पर लगभग 100 करोड़ रूपये और क्षतिग्रस्त पुल-पुलियों, सड़कों के नवीन निर्माण पर 298.28 करोड़ रूपये का भार राज्य सरकार पर आया है।
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