डेस्क: बीजेपी सांसद और बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत (Kangana Ranaut) की फिल्म इमरजेंसी (Emergency) रिलीज़ से पहले ही विवादों में घिर चुकी है. मूवी को 6 सितंबर को रिलीज़ होना था, लेकिन इससे पहले देश के कई हिस्सों में इस पर बैन लगाने की मांग उठने लगी. ये मांग ज्यादातर सिख समुदाय (Sikh community) की ओर से उठाई जा रही है, जिनका आरोप है कि ‘इमरजेंसी’ में सिखों को गलत तरीके से दिखाया गया है.
इसी क्रम में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट (High Court) में भी एक याचिका दायर की गई है, जिसकी सुनवाई सोमवार (2 सितंबर) को हुई. याचिका पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने सिख समुदाय पर बड़ी टिप्पणी की. एक्टिंग चीफ जस्टिस ने कहा, ‘सिख कम्यूनिटी ने कोरोना काल के दौरान आगे आकर सेवा की है. मैंने दिल्ली में देखा है. सिखों ने गुरुद्वारों में ऑक्सीजन से लेकर खाना उपलब्ध कराया है. कोरोना काल में सिख समुदाय सेवा करने में सबसे आगे था, उनके योगदान को भूला नहीं जा सकता.’
गौरतलब है कि हाई कोर्ट ने इस मामले में सभी पक्षकारों को नोटिस जारी किया. कंगना रनौत के मणिकर्णिका प्रोडक्शंस, केंद्र सरकार, राज्य सरकार, सेंसर बोर्ड समेत अन्य को कोर्ट की तरफ से नोटिस गया है. वहीं, सुनवाई के दौरान जो पक्षकार मौजूद नहीं थे, उन्हें इलेक्ट्रॉनिक मोड से नोटिस जारी किया गया है. याचिकाकर्ता ने कोर्ट में तर्क दिया है कि कंगना रनौत की ‘इमरजेंसी’ फिल्म के ट्रेलर में सिख समुदाय को क्रूर दिखाया गया है. इससे सिख समुदाय के लिए समाज में गलत छवि बनेगी. अब मामले में अगली सुनवाई मंगलवार 3 सितंबर को होगी.
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