डेस्क: इजरायल के प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) ने रविवार को अमेरिकी मीडिया को बताया कि गाजा में हमास द्वारा बंधक बनाए गए लोगों को मुक्त कराने के लिए एक समझौता हो सकता है. लेकिन संभावित योजना के विफल होने के डर से विवरण देने से इनकार कर दिया. नेतन्याहू ने NBC शो ‘मीट द प्रेस’ में कहा कि ‘हमने सुना कि इस तरह का या उस तरह का एक आसन्न सौदा था और फिर हमें पता चला कि यह सब हुकुम था. लेकिन जैसे ही हमने जमीनी कार्रवाई शुरू की, सब कुछ बदलना शुरू हो गया.’
न्यूज एजेंसी AFP के अनुसार यह पूछे जाने पर कि क्या हमास आतंकवादियों द्वारा बंधक बनाए गए और बंधकों को मुक्त कराने के लिए कोई संभावित समझौता है, नेतन्याहू ने इसका जवाब दिया ‘हो सकता है.’ लेकिन नेतन्याहू ने किसी भी योजना के बारे में विशेष जानकारी देने से इनकार कर दिया.
मालूम हो कि 7 अक्टूबर को हमास द्वारा इजरायल पर किए गए हमले में 239 लोगों को बंधक बना लिया गया था. नेतन्याहू ने यह भी नहीं बताया कि इन बंधकों में से सभी को मुक्त कराया जाएगा या फिर कुछ को. नेतन्याहू ने कहा कि ‘मुझे लगता है कि मैं इसके बारे में जितना कम कहूंगा, इसके साकार होने की संभावना उतनी ही बढ़ जाएगी.’
हालांकि नेतन्याहू ने बंधकों की रिहाई के बिना गाजा में युद्धविराम की मांग को सिरे से खारिज कर दिया है. उन्होंने यह भी स्पष्ट करने की कोशिश की कि इजरायल बंदी बनाए गए लोगों को बचाने या सुरक्षित रिहाई के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है. इस बीच नेतन्याहू ने गाजा के अस्पतालों के मुद्दे को भी संबोधित किया. गौरतलब है कि अल-शिफा, हमास द्वारा संचालित क्षेत्र का सबसे बड़ा अस्पताल है और विशेष रूप से घेराबंदी का शिकार है. नेतन्याहू ने कहा कि ‘ऐसा कोई कारण नहीं है कि हम मरीजों को वहां से क्यों नहीं निकाल सकते.’
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