नई दिल्ली। 19 अगस्त की सुबह IRCTC (Indian Railway Catering and Tourism Corporation) के शेयर में 4 परसेंट की तेजी दिखी. BSE पर शुक्रवार को IRCTC का शेयर 712 रुपये के भाव पर खुला और कुछ ही देर में 746.75 रुपये तक पहुंच गया. IRCTC के शेयर में तेजी की वजह कंपनी का नया प्लान है.
रिपोर्ट्स की मानें तो इंडियन रेलवे (Indian Railway) की टिकट बुकिंग आर्म डिजिटल मोनेटाइजेशन के जरिए 1000 करोड़ रुपये का रेवेन्यू प्लान कर रही है. IRCTC ने इसके लिए टेंडर भी जारी कर दिया है. इस टेंडर में कुछ ऐसी चीजें हैं, जिनको लेकर यूजर्स के मन में प्राइवेसी और सेफ्टी से जुड़े सवाल उठ रहे हैं.
इंटरनेट फ्रीडम फाउंडेशन (Internet Freedom Foundation) ने इस पर काफी ज्यादा जानकारी शेयर की है. टेंडर में कहा गया है कि IRCTC एक कंसलटेंट नियुक्त करेगी, जो उन्हें यूजर्स के डेटा को मोनेटाइज करने के तरीकों पर सुझाव देगा.
IRCTC के पास यूजर्स का 100TB से ज्यादा डेटा है. इसमें टिकट बुक करने जिसका टिकट है, इन सभी के नाम से लेकर नंबर तक तमाम डिटेल्स मौजूद हैं. ऐसे में कई लोगों को लग रहा है कि सरकार उनकी पर्सनल डिटेल्स बेचकर पैसा कमाने की प्लानिंग कर रही हैं.
क्योंकि इससे उन्हें सिर्फ एक बार कमाई होगी. बल्कि उनका प्लान इससे आगे का है. कंपनी इस डेटा का इस्तेमाल समय-समय पर पैसे कमाने के लिए करेगी. मसलन आप किसी ट्रेन में यात्रा कर रहे हैं.
ऐसे में आप अभी खाना ऑर्डर करने के लिए ई-कैटरिंग का इस्तेमाल करते हैं. संभव है कि अगली बार जब आप यात्रा करें तो आपको कुछ ई-कैटरिंग कंपनियों के नोटिफिकेशन आने लगे, जहां से आप अपने लिए खाना ऑर्डर कर सकते हैं.
वहीं दूसरा उदाहरण कैब बुकिंग का ले सकते हैं. अभी आप IRCTC का इस्तेमाल ट्रेन टिकट बुकिंग में करते हैं. इसके बाद आप अपने डेस्टिनेशन स्टेशन से घर तक जाने के लिए कैब लेते होंगे? सभी लोग नहीं लेते होंगे तो कुछ लोग तो ऐसा करते ही होंगे. हो सकता है आपको कुछ वक्त बाद कैब के सजेशन या कॉल्स स्टेशन पर पहुंचते ही आने लगें.
IRCTC का प्लान क्या है?
IRCTC इस डेटा को किस तरह से इस्तेमाल करेगी अभी साफ नहीं है. कंपनी का कहना है कि वह इस तरह से यूजर्स के एक्सपीरियंस को बेहतर करना चाहती हैं. साथ ही थर्ड पार्टी से डेटा शेयर करके पैसे भी कमाएगी.
ऐसे में IFF (इंटरनेट फ्रीडम फाउंडेशन) और दूसरे लोगों की चिंता यूजर्स की प्राइवेसी को लेकर है. डेटा प्रोटेक्शन कानून नहीं होने की स्थिति में IRCTC इस डेटा को थर्ड पार्टी वेंडर्स से कैसे शेयर करेगी?
इससे पहले वाहन डेटा बेस को लेकर भी IFF सरकार को पत्र लिख चुका है. इंटरनेट फ्रीडम फाउंडेशन को डर है कि यूजर्स के डेटा का गलत इस्तेमाल हो सकता है.
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