नई दिल्ली: केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भारत में पेट्रोल-डीजल के इस्तेमाल को खत्म करने की सरकार की रणनीति का खुलासा किया है. चेक गणराज्य के आधिकारिक दौरे पर गए गडकरी ने मंगलवार को प्राग में भारतीय प्रवासी समुदाय के साथ बातचीत की.
पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में पराली को जलाने से होने वाले दिल्ली प्रदूषण के बारे में बोलते हुए गडकरी ने कहा कि ‘…हमने 186 संयंत्र डिजाइन किए हैं जो पराली से बायो-सीएनजी और बायो-एलएनजी बना सकते हैं. 186 में से 36 संयंत्र मौजूदा वक्त में चालू हैं.’ गडकरी ने कहा कि ‘नागपुर में सभी वाहन जैसे ट्रैक्टर, बसें और कारें बायो-सीएनजी से चल रही हैं… मेरा एक सपना है कि भारत को पेट्रोल और डीजल से छुटकारा दिलाया जाए… इसे हासिल करना एक कठिन सपना है लेकिन असंभव नहीं है.’
नितिन गडकरी ने कहा कि पानीपत में इंडियन ऑयल की एक नई इंडस्ट्री खुली है जो धान की पराली से बिटुमिन और इथेनॉल बनाएगी. पराली से 1,00,000 लीटर इथेनॉल और 150 टन बायो बिटुमेन हासिल किया जा सकता है. भारत को 80 लाख टन बायो बिटुमेन की जरूरत है, जिसमें से 50 लाख टन का लक्ष्य भारतीय रिफाइनरियों से हासिल किया जाता है और 30 लाख टन आयात किया जाता है. अब हमारे किसान न सिर्फ हमें खाना खिलाएंगे बल्कि ऊर्जा उत्पादन में भी मदद करेंगे.
इसके अलावा गडकरी ने शहरी विस्तार रोड 2 के बारे में भी जानकारी शेयर किया, जिसके अगले 2-3 महीनों में लॉन्च होने की संभावना है. उन्होंने कहा कि दिल्ली में नए रास्ते से इंदिरा गांधी हवाई अड्डे तक पहुंचने का समय 2 घंटे से घटकर केवल 20 मिनट रह जाएगा. उन्होंने कहा कि ‘हमने एक और सुरंग वाली सड़क बनाई है जो हवाई पट्टी के नीचे से आईजीआई हवाई अड्डे के टी3 तक जाती है.’ दिल्ली में नई अर्बन एक्सटेंशन रोड 2 अटल सुरंग की तरह है.
नितिन गडकरी ने कहा कि मनाली से रोहतांग दर्रे तक यात्रा का समय दो घंटे से अधिक लगता था, लेकिन अटल सुरंग के कारण यात्रा का समय घटकर 8 मिनट हो गया है. हम कारगिल के नीचे एक नई सुरंग बना रहे हैं जिसे जोजी-ला सुरंग कहा जाता है. एक बार पूरा होने पर यह 11 किमी. की एशिया की सबसे लंबी सुरंग होगी. इस परियोजना की अनुमानित लागत 12,000 करोड़ रुपये थी लेकिन हमने परियोजना का 75 फीसदी हिस्सा केवल 5,500 करोड़ रुपये में पूरा कर लिया है.
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