- उज्जैन में 172 कृषि एवं खाद्य बीज संस्थाओं के होने हैं चुनाव
उज्जैन। लोकसभा और विधानसभा चुनाव से निपटने के बाद अब भाजपा-कांग्रेस के लिए सहकारिता चुनाव फिर से परीक्षा की घड़ी बनकर आ रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्र की आबादी को साधने के लिए यह चुनाव महत्वपूर्ण होता है। यह भी संभावना है कि बारिश और बोवनी के चलते चुनाव और आगे बढ़ाए जा सकते हैं।
11 साल बाद फिर से सरकार ने सहकारिता चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। 26 जुलाई से 9 सितंबर तक सहकारिता चुनाव की तारीख तय की है। सदस्यता की सूची जारी होने के बाद 8, 11 और 28 अगस्त तथा 4 सितंबर को मतदान होंगे। उज्जैन जिले में 172 कृषि एवं खाद भी संस्थाओं के चुनाव इसमें होना हैं और प्रतिनिधि चुने जाएँगे। सरकार में बैठ बीजेपी इन चुनाव में भी अपनी पेठ बनाने के लिए अधिक से अधिक उनके प्रतिनिधि चुने जाए यह कोशिश करेंगे। हालांकि भाजपा अभी चुनाव के मूड में नहीं हैं। माना जा रहा है कि किसान भाई जो इन संस्थाओं से सीधे जुड़े हैं, वह इस समय बोवनी में लगे हैं, इसको देखते हुए सरकार यह चुनाव फिलहाल एक-दो महीने के लिए निरस्त कर सकती है। माना जा रहा है कि ठंड में ही यह चुनाव होंगे, क्योंकि इन छोटी संस्थाओं से जो प्रतिनिधि चुनकर जाते हैं वह सहकारी बैंक से लेकर अपेक्स बैंक तक के अध्यक्ष निर्वाचित करते हैं। इसलिए यह चुनाव महत्वपूर्ण माने जाते हैं। कांग्रेस ने इस चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। गाँव-गाँव में उन्होंने 11-11 लोगों की समितियाँ भी गठित कर दी है, ऐसे में भाजपा इस चुनाव में मुंह की खा सकती है। इसके चलते भी चुनाव कार्यक्रम आगे बढ़ाने की पूरी संभावना है।