नई दिल्ली (New Delhi)। आटे की बढ़ती कीमतों (Rising prices of flour) से परेशान उपभोक्ताओं (distressed consumers) के लिए केंद्र सरकार (central government) ने राहत देने पर काम शुरू कर दिया है। केंद्रीय खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा (Sanjeev Chopra) ने बताया कि सरकार इस दिशा में बड़ा कदम उठाएगी। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, बृहस्पतिवार को गेहूं 32.97 रुपये प्रति किलो और आटा 37.69 रुपये प्रति किलो की दर से मिल रहा था।
एक माह में कीमतों में दो रुपये से ज्यादा की बढ़ोत्तरी हुई है। सूत्रों के मुताबिक सरकार खुले बाजार में सरकार के भंडार से गेहूं बेचकर जनता को राहत देने के मुद्दे पर भी विचार कर रही है। खाद्य सचिव ने कहा कि पिछले साल गेहूं की फसल लू के प्रकोप से प्रभावित हुई थी। इस बार गेहूं के बंपर उत्पादन की उम्मीद है।
चीनी निर्यात कोटा पर उन्होंने कहा कि सरकार घरेलू उत्पादन और देश में मांग और आपूर्ति की स्थिति का आकलन कर फरवरी में चीनी निर्यात कोटा की मौजूदा क्षमता 60 लाख मीट्रिक टन से अधिक करने पर विचार करेगी। खाद्य सचिव ने बताया कि देश ने पिछले सात सालों में इथेनॉल उत्पादन से 72 हजार करोड़ की आय अर्जित की है। उन्होंने कहा पिछले पांच सालों में चीनी क्षेत्र पूरी तरह सरकार की सब्सिडी से मुक्त हो गया है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved