इंदौर। रियल इस्टेट कारोबार (real estate business) में चल रही तेजी का फायदा पंजीयन विभाग (registration department) को मिल रहा है और अभी तक 1470 करोड़ रुपए हासिल हो चुके हैं, जबकि दस्तावेजों की संख्या 1 लाख 14 हजार बताई गई। 1600 करोड़ का लक्ष्य शासन ने अब बढ़ाकर कर दिया है। यानी 65 करोड़ रुपए का इजाफा किया गया। पहले यह लक्ष्य 1535 करोड़ था। मार्च के इस महीने में विभाग को उम्मीद है कि 250 करोड़ के राजस्व का आंकड़ा आसानी से पार कर लेंगे। दूसरी तरफ आगामी वित्त वर्ष की गाइडलाइन (year guide) बनाने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। जल्द ही जिला मूल्यांकन समिति (District Evaluation Committee) की बैठक कलेक्टर से समय मिलते ही आयोजित की जाएगी, जिसमें जिन नए क्षेत्रों में गाइडलाइन बढ़ाई जाना है उस पर निर्णय होगा। बीते 6-7 वर्षों से गाइडलाइन में कोई वृद्धि नहीं हुई है। 2015-16 के बाद गाइडलाइन नहीं बढ़ी है, उल्टा कांग्रेस सरकार के दौरान तो 20 फीसदी घटा दी थी।
2022-23 की गाइडलाइन घोषित की जाना है और कई क्षेत्रों में जहां पिछले दिनों जमीनों की धड़्ल्ले से खरीदी-बिक्री हुई, वहां 15 से 20 फीसदी गाइडलाइन बढ़ाने के अलावा लगभग 200 नई कालोनियों को भी शामिल करने पर विचार किया जा रहा है। हालांकि कलेक्टर मनीष सिंह अधिक क्षेत्रों में गाइडलाइन बढ़ाने के पक्षधर नहीं हैं। वहीं कई क्षेत्र ऐसे भी हैं जहां बाजार दल की तुलना में गाइडलाइन (guideline) अभी भी अधिक है। दूसरी तरफ 28 फरवरी तक भोपाल के केन्द्रीय मूल्यांकन बोर्ड को गाइडलाइन अनुमोदन के लिए भेजना थी, लेकिन अभी तक जिला मूल्यांकन समिति की बैठक नहीं हो सकी, जिसके चलते 15 मार्च के बाद ही भोपाल प्रस्तावित गाइडलाइन भेजी जा सकेगी। वरिष्ठ जिला पंजीयक बालकृष्ण मोरे (Senior District Registrar Balkrishna More) के मुताबिक अभी तो अच्छी संख्या में रजिस्ट्रियां हो रही है और अवकाश के दिनों में भी शासन आदेश पर कार्यालय चालू रखे जा रहे हैं। सिर्फ धुलेंडी और रंगपंचमी को ही अवकाश रहेगा।
दूसरी तरफ शासन ने 1535 करोड़ के लक्ष्य को बढ़ाकर अब 1600 करोड़ कर दिया है। वहीं इस वित्त वर्ष में अभी तक लगभग 1 लाख 14 हजार दस्तावेज पंजीबद्ध भी हो गए हैं। मार्च के महीने में जहां सबसे अधिक रजिस्ट्रियां होती हैं, वहीं विभाग को राजस्व (Revenue of the department) भी ज्यादा मिलता रहा है। हालांकि दो सालों से कोरोना के चलते भी गाइडलाइन नहीं बढ़ाई गई और गत वर्ष भी गाइडलाइन में जो वृद्धि प्रस्तावित की गई थी उसे कोरोना की दूसरी लहर और उसमें लगे लॉकडाउन के चलते निरस्त कर दिया था और फिर वर्तमान गाइडलाइन को ही पूरे वर्ष के लिए जारी रखा गया। अलबत्ता शासन ने स्टाम्प ड्यूटी के प्रावधानों में कुछ संशोधन किया और महिलाओं के नाम होने वाली रजिस्ट्रियों में भी दो फीसदी की छूट दी गई। 1290 करोड़ रुपए का राजस्व तो जनवरी तक और फिर 180 करोड़ रुपए का राजस्व फरवरी के 28 दिनों में ही विभाग को हासिल हो गया। दूसरी तरफ प्रस्तावि गाइडलाइन की तैयारी भी सभी उपपंजीयकों ने कर ली है और जिला मूल्यांकन समिति की बैठक में प्रस्ताव रखकर मंजूरी दी जाएगी और फिर उसे भोपाल के केन्द्रीय मूल्यांकन बोर्ड को भेजा जाएगा और शासन के निर्देश पर ही 1 अप्रैल से नई गाइडलाइन लागू होगी।
सुपर कॉरिडोर से लेकर बायपास तक अधिक तेजी
कोरोना की दूसरी लहर के बाद एकाएक इंदौर के रियल इस्टेट कारोबार में जबरदस्त तेजी देखी गई। हुंडी चिट्ठी का धंधा खत्म होने, मेडिकल लाइन में बम्पर आवक होने और आसपास के साथ-साथ देश के बड़े शहरों से भी दो नम्बर का पैसा इंदौर में बहुत आया, जिसके चलते खेती की जमीनों के भाव कई गुना अधिक बढ़ गए। सुपर कॉरिडोर, खंडवा रोड, बायपास से लेकर जिले के चारों तरफ धड़ल्ले से कालोनियां कटी और 500 करोड़ रुपए से अधिक का माल तो कालोनाइजरों ने डायरियों पर ही बेच डाला, जिसमें कलेक्टर मनीष सिंह (Collector Manish Singh) द्वारा की गई सख्ती के चलते लगाम भी लगी। इन तमाम नए क्षेत्रों में जहां पर अधिक रजिस्ट्रियां बीते 6 महीने के दौरान हुई है, वहां पर नई गाइडलाइन के साथ वर्तमान में ही इजाफा किया जाएगा। ऐसे क्षेत्रों की सूची पंजीयन विभाग ने तैयार कर ली है।
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