नई दिल्ली। युद्धरत यूक्रेन में फंसे 1500 भारतीय छात्रों ने स्वदेश वापसी से इनकार कर दिया है। उन्होंने साफ कह दिया है कि वे यहीं पढ़ेंगे या मरेंगे। इस दौरान यदि मर गए और ताबूत में आना पड़ा, तो भी उन्हें मंजूर है। उनके पास इसके अलावा कोई विकल्प नहीं है।
पिछले करीब नौ माह से यूक्रेन व रूस के बीच जबर्दस्त जंग जारी है। जंग में सैकड़ों लोग मारे जा चुके हैं। सैकड़ों भारतीय छात्रों समेत लाखों लोग यूक्रेन छोड़कर जा चुके हैं, लेकिन अब भी वहां 1500 भारतीय छात्रों के फंसे होने की जानकारी मिली है। ये छात्र भारत सरकार के दिशा निर्देश नहीं मान रहे हैं और स्वदेश लौटने से इनकार कर रहे हैं।
केंद्र पर आरोप-कोई विकल्प नहीं छोड़ा
यूक्रेन में फंसे विद्यार्थियों का आरोप है कि भारत सरकार ने उनके समक्ष कोई विकल्प नहीं छोड़ा है। इन छात्रों में से कुछ छात्र ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं। यूक्रेन से लौटे विद्यार्थियों की भावी पढ़ाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट में मामला लंबित है। इस पर एक नवंबर को सुनवाई होगी। यूक्रेन में अटके छात्रों को भी इसका इंतजार है।
कुछ माह पहले यूक्रेन लौट गए थे
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ये छात्र भारत सरकार की सलाह मानने को तैयार नहीं हैं। सरकार ने इन छात्रों को तुरंत स्वदेश लौटने की सलाह दी है। इसके बाद भी 1,500 से अधिक भारतीय छात्र, जो वापस यूक्रेन चले गए थे, स्वदेश नहीं लौटना चाहते हैं। उनका कहना है कि वे यूक्रेन में रहकर ही अपनी पढ़ाई पूरी करना चाहते हैं। इस दौरान यदि मर गए तो ताबूत में लौटेंगे।
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