नई दिल्ली। मोटापा देशभर में बड़ी स्वास्थ्य समस्या बनता जा रहा है और महामारी के दौरान इसमें इजाफा होने की रिपोर्टों ने चिंता बढ़ाई है। इसके चलते अब अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (आईसीएमआर)-राष्ट्रीय पोषण संस्थान (एनआईएन) भारत में लॉकडाउन से पहले और बाद में मोटापे की स्थिति को लेकर अध्ययन करने जा रहे हैं, जिसमें बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक को शामिल किया जाएगा।
आईसीएमआर-एनआईएन के वैज्ञानिक डॉ अवुला लक्ष्मैया ने बताया है कि इस शोध को आईसीएमआर से मंजूरी की प्रक्रिया चल रही है। इस पर मुहर लगने के बाद अन्य संस्थानों के साथ मिलकर इसे अंजाम दिया जाएगा। उन्होंने कहा, आहार से मोटापे को लेकर पहले भी कई अध्ययन हुए हैं। नए शोध में हम पुराने आंकड़ों से मौजूदा स्थिति की तुलना करते हुए कोरोना महामारी से पहले और बाद में मोटापे का आकलन करेंगे।
बच्चों पर भी होगा अध्ययन
अध्ययन में बच्चों में मोटापे को लेकर सामाजिक स्थिति पर भी गौर किया जाएगा। इसके लिए हम जल्द ही 36 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से आहार उपभोग के आंकड़े जुटाएंगे, जिसमें पांच से 65 साल तक के लोगों को शामिल किया जाएगा।
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