डेस्क: दुनियाभर में कोरोना के ओमिक्रॉन वेरिएंट से संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. कोरोना के तेजी से बढ़ते खतरे को देखते हुए लोगों के मन में सवाल है कि क्या कपड़े का मास्क कोरोना संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए पर्याप्त है?
हेल्थकेयर एक्सपर्ट्स का कहना है कि Cloth Mask आपकी नाक और मुंह को आसानी से ढक कर ड्रॉपलेट्स से तो बचा सकता है, लेकिन कपड़े के मास्क आसपास की हवा में मौजूद वायरस से सुरक्षित रखने में कारगर साबित नहीं हुए हैं. वैज्ञानिकों का मानना है कि कपड़े के मास्क वायरस को रोकने में प्रभावी नहीं हैं.
ऐसे में इन्हें संक्रमण को रोकने के लिए ज्यादा सुरक्षित नहीं माना जा सकता है. सिंगल लेयर मास्क वायरस को कैरी करने वाले Aerosols के बड़े टुकड़ों को तो रोक सकते हैं, लेकिन ओमिक्रॉन वेरिएंट के मामले में ये Aerosols के छोटे टुकड़ों को रोकने में उतने असरदार तरीके से काम नहीं कर पाते. हेल्थकेयर एक्सपर्ट्स और वैज्ञानिकों का कहना है कि कपड़े का मास्क जिसका इस्तेमाल आप आमतौर पर वायरस से बचाव के लिए करते हैं, ये ओमिक्रॉन वेरिएंट से बचाव में उतना कारगर नहीं है.
इस तरह करें मास्क का इस्तेमाल
डॉक्टर्स सिंगल लेयर क्लोथ मास्क को छोड़कर दो या तीन लेयर वाले फेस मास्क के इस्तेमाल की सलाह देते हैं. ये छोटे aerosols को रोकते हैं, जिससे संक्रमण फैलने का खतरा कम होता है. वैज्ञानिकों सिंगल लेयर क्लोथ मास्क को सर्जिकल मास्क या ज्यादा प्रभावी Respirator masks के साथ लगाने की सलाह देते हैं, जिससे कोरोना के नए वेरिएंट से बचाव हो सके.
विशेषज्ञों के मुताबिक, स्पाइक प्रोटीन में अलग तरह के कई म्यूटेशंस की वजह से ओमिक्रॉन वेरिएंट का ट्रांसमिशन रेट बहुत ज्यादा है इसलिए क्लोथ मास्क इससे बचाव में उतना कारगर नहीं होगा.
अमेरिका के Centre for Disease Control and Prevention (CDC) की ताजा गाइडलाइंस के मुताबिक, क्लोथ मास्क के नीचे एक डिस्पोजेबल मास्क पहनें. क्लोथ मास्क भी ऐसा होना चाहिए जिसमें फैब्रिक की कई लेयर हों. रियूजेबल मास्क को गंदा होते ही तुरंत धोएं. डिस्पोजेबल मास्क को इस्तेमाल के बाद तुरंत फेंक दें.
N95 मास्क
N95 मास्क वायरस से बचाव में मददगार हो सकते हैं क्योंकि, इनमें फाइबर का घना नेटवर्क होता है. ये बड़े ड्रॉपलेट्स और एयरोसोल्स को ट्रैप करने में बेहद प्रभावी होते हैं. ये ड्रॉपलेट्स को ब्लॉक करते हैं.
विशेषज्ञ N95 मास्क पहनने की सलाह देते हैं क्योंकि, ये हवा में मौजूद 95 प्रतिशत तक कणों को फिल्टर कर देता है और चेहरे को टाइटली कवर करके रखता है. हालांकि एक्सपर्ट्स का ये भी कहना है कि अगर आपको पहले से सांस से जुड़ी कोई समस्या है तो N95 मास्क का इस्तेमाल डॉक्टर की सलाह पर ही करें.
सर्जिकल मास्क
सर्जिकल मास्क को कोरोना की शुरुआत से ही प्रयोग में लाया जा रहा है. विशेषज्ञों का कहना है कि इसकी मदद से सांस के माध्यम से जर्म्स के प्रवेश को तो रोका जा सकता है. हालांकि कोरोना जैसे वायरस को रोकने में यह कितने कारगर है. इस बारे में कहा नहीं जा सकता. सर्जिकल मास्क सिर्फ एक बार के इस्तेमाल के लिए होते हैं, एक बार इस्तेमाल के बाद इन्हें फेंक दिया जाना चाहिए.
कोरोना वायरस से बचाव के लिए डबल मास्किंग ज्यादा प्रभावी उपाय हो सकता है. इसके लिए सबसे पहले सर्जिकल मास्क और इसके ऊपर कपड़े का मास्क पहना जा सकता है. मास्क लगाते समय हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि यह अच्छी तरह से फिट हो और नाक-मुंह को ठीक से कवर करता हो.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved