उज्जैन। शनिचरी अमावस्या स्नान वाले दिन शिप्रा में कान्ह नदी का गंदा पानी रोकने के लिए जल संसाधन विभाग ने मिट्टी का पाला बाँधा था जो चलते स्नान में बह गया। इसके बाद अधिकारियों ने महाकाल विस्तारीकरण क्षेत्र का निरीक्षण किया। दावा किया गया कि फरवरी माह के अंत तक रूद्रसागर को सीवरेज से मुक्त कर दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि कल शनिचरी अमावस्या स्नान पर्व पर त्रिवेणी घाट पर जिला प्रशासन ने फव्वारा स्नान की व्यवस्था की थी। तीन दिन पहले त्रिवेणी संगम पर जहाँ शिप्रा में कान्ह नदी का सीधे पानी मिलता है वहाँ मिट्टी का बाँध भी बनाया गया था। यह बाँध स्नान के बीच ही बह गया था।
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