मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कार्पोरेशन ने 2661 करोड़ के अंतरराष्ट्रीय टेंडर किए जारी, डिजाइन, सप्लाय, सिग्नल, टेलीकम्युनिकेशन, इलेक्ट्रिफिकेशन, इंस्टॉलेशन सहित कई कार्य होंगे
इंदौर, राजेश ज्वेल।
मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कार्पोरेशन (Madhya Pradesh Metro Rail Corporation) ने 2661 करोड़ के अंतर्राष्ट्रीय टेंडर (International Tender) जारी किए हैं। इसमें इंदौर-भोपाल (Indore-Bhopal) मेट्रो प्रोजेक्ट (Metro Project) में इस्तेमाल होने वाली 156 मेट्रो कार (Metro Car), जिसे आम बोलचाल की भाषा में कोच या डब्बे भी कह सकते हैं, की खरीदी के अलावा इंस्टॉलेशन, टेस्टिंग, सिग्नलिंग, ट्रेन कंट्रोलिंग सिस्टम, टेली कम्युनिकेशन, इलेक्ट्रीफिकेशन सहित अन्य कार्य होंगे। इसमें 683 करोड़ रुपए की राशि से इंदौर (Indore) में दौडऩे वाली 25 मेट्रो ट्रेन के 75 कोच (Coach) भी शामिल हैं। भोपाल मेट्रो के लिए भी 737 करोड़ रुपए की राशि से 27 मेट्रो ट्रेन के लिए 81 कोच खरीदे जाएंगे। इंदौर में मेट्रो प्रोजेक्ट के काम ने अब गति पकड़ ली है। एमआर-10 पर चंद्रगुप्त चौराहा से पहले आधा दर्जन से अधिक पीलरों का निर्माण कार्य भी तेज गति से चल रहा है और अब रिंगरोड पर भी तैयारी शुरू हो गई है।
दो हिस्सों में ये अंतर्राष्ट्रीय टेंडर (International Tender) बुलाए गए हैं। 2145 करोड़ के टेंडर रेल कोच और उससे जुड़े तमाम कार्यों के लिए हैं, तो 516 करोड़ का दूसरा टेंडर इलेक्ट्रीफिकेशन और उससे जुड़े कार्यों के लिए हैं। मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कार्पोरेशन ने अभी इंदौर-भोपाल के मेट्रो प्रोजेक्ट में इस्तेमाल होने वाली 156 मेट्रो कार, जिसे कोच कह सकते हैं, की खरीदी के लिए 420 करोड़ की राशि खर्च होगी। इसमें 15 साल तक का रख-रखाव भी शामिल रहेगा। डिजाइन, मेन्युफेक्चरिंग, सप्लाय, इंस्टॉलेशन, टेस्टिंग, कम्यूनिकेशन, ट्रेनिंग सहित अन्य कार्य इसमें शामिल रहेंगे। 81 कार भोपाल के लिए और 75 कार इंदौर के लिए इसमें शामिल रहेगी। वहीं 7 साल का रख-रखाव सिग्नलिंग, ट्रेन कंट्रोल, टेली कम्यूनिकेशन के लिए तय किया गया है। 2145 करोड़ के इस टेंडर को 21 से 28 दिसम्बर तक ऑनलाइन जमा किया जा सकेगा। वहीं दूसरा इलेक्ट्रीकल सिस्टम का 516 करोड़ का जारी किया गया। ये सिर्फ इंदौर मेट्रो की पहली रिंग लाइन के कॉरिडोर के लिए है।
मुमताजबाग की जगह शहीद पार्क होगा स्टेशन का नाम
एयरपोर्ट (Airport) से लेकर एमआर-10 (MR-10) होते हुए रिंग रोड (Ring Road) पर मुमताजबाग (Mumtazbagh) के बीच पहले ट्रैक का काम इन दिनों चल रहा है। अब मुमताजबाग (Mumtazbagh) स्टेशन का नाम बदलकर वहीं बगल में स्थित प्राधिकरण के शहीद पार्क के नाम पर किया जाएगा। अभी दो दिन पहले इंदौर में हुई बैठक में यह तय किया गया। मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कार्पोरेशन (Madhya Pradesh Metro Rail Corporation) की एमडी श्रीमती छवि भारद्वाज की मौजूदगी में हुई बैठक में मुमताजबाग की जगह शहीद पार्क नाम रखने की मंजूरी दी गई और इसे जल्द ही भोपाल मुख्यालय से भी अनुमति मिल जाएगी। इंदौर के 31.46 किलोमीटर के पहले चरण के मेट्रो प्रोजेक्ट में कुल 29 मेट्रो स्टेशन बनना है। वहीं एमआर-10 कुर्मेडी पर प्राधिकरण जो आईएसबीटी बना रहा है उसकी भी कनेक्टीविटी मेट्रो स्टेशन से रहेगी।
फ्रांस-जर्मनी की कम्पनियां ही बनाती है रॉलिंग स्टॉक
दिल्ली मेट्रो सहित देश के कुछ प्रमुख शहरों में जो मेट्रो प्रोजेक्ट अमल में लाए गए उनमें ज्यादातर कोच सहित अन्य सामग्री फ्रांस और जर्मनी से ही आई है। कुछ समय पूर्व भारत में भी मेट्रो निर्माण करने वाली विदेशी कम्पनी अलस्टॉम और बम्बार्डियर इंक ने प्लांट लगाने का निर्णय लिया, क्योंकि देश में कई स्थानों पर मेट्रो प्रोजेक्ट चल रहे हैं, तो यहां के साथ-साथ दूसरे देशों में भी मेट्रो निर्यात की जा सकती है। भारत में अर्बन ट्रांसपोर्टेशन के बढ़ते बाजार के मद्देनजर ही फ्रांस सहित कई मल्टीनेशनल कम्पनियों ने मेन्यूफेक्चिंग और इंजीनियर ऑपरेशन की शुरुआत देश में ही करने का निर्णय लिया। हालांकि अभी तो इंदौर-भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए फ्रांस या जर्मनी की कम्पनियां ही करेगी, क्योंकि देश में अभी इनके प्लांट शुरू नहीं हुए हैं।
भोपाल में परपल व रेड लाइन, तो इंदौर में सिर्फ येलो लाइन
भोपाल मेट्रो (Bhopal Metro) की लम्बाई अभी 30.95 किलोमीटर की है, जिसमें पर्पल और रेड लाइन पर दौड़ेगी मेट्रो, जबकि इंदौर मेट्रो के पहले चरण की लम्बाई 31.46 किलोमीटर की है, लेकिन एक ही यलो लाइन रखी गई है। अब भविष्य में अगर नागपुर की तर्ज पर डबल डेकर ट्रैक बीआरटीएस कॉरिडोर पर बनता है तो फिर उसके लिए अलग लाइन रहेगी। भोपाल की दोनों लाइनों पर 27 ट्रैन और इंदौर की यलो लाइन पर 25 मेट्रो ट्रेन पहले चरण में दौड़ेगी, जिसमें इस्तेमाल होने वाले 75 कोच के टेंडर भी अभी बुलाए गए हैं। जबकि भोपाल मेट्रो में 81 कोच लगेंगे। मेट्रो की भाषा में इसे रोलिंग स्टॉक कहा जाता है।
140 मीटर लंबी रहेगी रेल… 3 से 4 कोच लगेंगे
इंदौर में जो मेट्रो प्रोजेक्ट (Metro Project) अमल में लाया जा रहा है उसमें एक मेट्रो ट्रेन की लम्बाई 140 मीटर रहेगी, जिसमें 3 से 4 कोच का इस्तेमाल होगा। इस लम्बाई के मान से ही 29 मेट्रो स्टेशनों का निर्माण होगा। फिलहाल तो 3-3 कोच के मान से ही ये टेंडर आमंत्रित किए गए हैं। भोपाल मेट्रो के ट्रैक पर 27 मेट्रो ट्रैन चलना है, जिसमें 3-3 कोच के हिसाब से 81 रोलिंग स्टॉक की आवश्यकता पड़ेगी। वहीं इंदौर के 31.46 किलोमीटर के ट्रैक पर 25 मेट्रो ट्रेन दौड़ेगी, जिसके लिए 75 कोच यानी मेट्रो कार-रोलिंग स्टॉक की आवश्यकता पड़ रही है। आने वले समय में जब दूसरे ट्रैक के प्रोजेक्ट बनेंगे, तब उसके मान से फिर अन्य कोच और साधन-संसाधन लगेंगे। इंदौर मेट्रो (Indore Metro) के लिए 1055 करोड़ और भोपाल मेट्रो के लिए 1090 के रोलिंग स्टॉक, सिग्नल, ट्रैन कंट्रोल और टेली कम्युनिकेशन के ये अंतर्राष्ट्रीय टेंडर बुलवाए गए हैं, वहीं इंदौर मेट्रो हेतु 516 करोड़ का इलेक्टीफिकेशन का दूसरा टेंडर है।
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