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    जनता की अदालत में होगा लायक-नालायक का फैसला

  • September 20, 2020

    भोपाल। ग्वालियर प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लेकर विवादित बयान देकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की जमकर किरकिरी हो रही है। उपचुनाव से पहले दोंनो नेताओं के बीच तल्खी बढ़ती जा रही है। शनिवार को ग्वालियर में कमलनाथ ने शिवराज को नालायक तक कह डाला। इसके जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि कमलनाथ को आरोपों की कीचड़ ही अच्छी लग रही है तो मुझे कोई आपत्ति नहीं है। कौन लायक है, कौन नालायक, यह तो जनता तय करती है। अब कमलनाथ खुद इस पर विचार करें। इसके बाद से मप्र कांगे्रस कमलनाथ के बयान पर सफाई देने में जुट गई है।
    कमलनाथ ने ग्वालियर में कहा कि मैंने अपने कार्यकाल में 26 लाख किसानों के कर्ज माफ किए। अब शिवराज इतने नालायक तो हैं नहीं कि वह समझ न सकें कि ये कैसे किया गया है। हमने दो लाख तक के सभी किसानों के कर्ज माफ करके मदद की। जबकि, शिवराज के 15 साल के कार्यकाल में किसानों को आत्महत्या तक पर मजबूर होना पड़ा। इससे पहले उन्होंने भोपाल में कहा था- मुझे शर्म आती है, जब मैं दिल्ली जाता हूं और लोग पूछते हैं कि आपके प्रदेश की छवि बिकाऊ वाली बन गई। इस पर शिवराज ने जवाब देते हुए कहा था- ऐसा कहना प्रदेश की 8 करोड़ जनता का अपमान है। कमलनाथ को जनता से माफी मांगनी चाहिए।

    जनता को देना पड़ेगा जवाब: शिवराज
    शिवराज ने कहा कि जो सभी को एक भाव से देखे, गरीबों का सम्मान करे, किसान के कल्याण की योजना बनाए, वो लायक है या नालायक, यह फैसला जनता को करना है। 15 महीने कमलनाथ की सरकार थी। उन्होंने क्या किया? यह बड़ी लायकी की बात थी कि वल्लभ भवन को दलालों के अड्डा बना दिया। पूरे प्रदेश के विकास को ठप कर दिया? शिवराज ने कहा कि जवाब देना पड़ेगा कि 10 दिन में 2 लाख तक का कर्ज आपने क्यों माफ नहीं किया। कर्ज माफी के झूठे सर्टिफिकेट पकड़ाकर आपने सहकारी बैंकों तक को पूरा पैसा नहीं दिया। क्या यह बैंकों के साथ धोखा नहीं है? आपको जवाब देना पड़ेगा कि किसान सम्मान निधि का पैसा जो प्रधानमंत्री सीधे किसानों को देते हैं आपने उसे क्यों अटकाया?

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