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    कलेक्टरों से लेकर प्रमुख सचिवों तक बदले जाएंगे

  • August 21, 2022

    • प्रदेश में बड़े प्रशासनिक बदलाव की तैयारी लगभग पूरी

    भोपाल। पंचायत और निकाय चुनाव के बाद अब सरकार स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रमों से फ्री होते ही प्रशासनिक फेरबदल के लिए मंथन में जुट गई है। माना जा रहा है की एक दो दिन में अंतिम दौर की मंत्रणा के बाद तबादला सूची जारी की जा सकती है। इस तबादला सूची में कई जिलों के कलेक्टर, जिला पंचायत के सीईओ के अलावा प्रमुख सचिवों के विभाग बदले जाना तय है। माना जा रहा है की इस सूची में करीब तीन से चार दर्जन आईएएस अफसरों के नाम होंगे। इसके बाद दूसरी सूची आईपीएस अफसरों की भी जारी होनी है।
    सूत्रों के मुताबिक आईएएस की सूची में करीब एक दर्जन कलेक्टरों के साथ ही दर्जनभर प्रमुख सचिवों के नाम भी शामिल हो सकते हैं। दरअसल अब प्रदेश में विधानसभा के आम चुनावों में महज चौदह माह का समय ही रह गया है। ऐसे में अब सरकार उन प्रमुख सचिवों को बदलने जा रही है जिनकी अपने विभाग के मंत्रियों के साथ पटरी नहीं बैठ रही है। इस सूची में उन अफसरों के भी नाम भी होंगे, जिनका एक ही सीट पर कार्यकाल तीन साल से अधिक का समय हो गया है। जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस के बीच बीते रोज करीब एक घंटे तक बंद कमरे में चर्चा हुई। बताया जाता है कि दोनों के बीच बहुप्रतीक्षित प्रशासनिक फेरबदल सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा हुई। कलेक्टरों व आला अधिकारियों की तबादला सूची पर सहमति नही बन पाने के कारण अभी एक दौर की चर्चा और हो सकती है। बताया जाता है कि मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव से उन प्रमुख सचिवों का विभाग बदलने को कहा है, जिनकी मंत्रियों से पटरी नहीं बैठ रही है। मंत्रियों ने भी मुख्यमंत्री से भेंट कर इस बात की शिकायत की है कि प्रमुख सचिव द्वारा उनकी बात नहीं सुनी जा रही है, जिससे विभाग का कामकाज प्रभावित हो रहा है। इस तरह की पदस्थापना अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर किए जाने हैं। दरअसल यह पूरी कवायद के पीेछे सरकार की मंशा अपने चहेते अफसरों को चुनाव के समय मैदानी पदस्थापना बनाए रखने की है। अभी से नए सिर से पदस्थापना किए जाने की वजह से चुनाव के समय सरकार को कम से कम तबादले करने पड़ेगें।
    मंत्रालय सूत्रों की माने तो वर्ष 2012 बैच तक के लिए प्रमोटी आईएएस अफसरों और वर्ष 2013 बैच तक के सीधी भर्ती के आईएएस अधिकारियों को जिलों की कमान दी सकती है। दरअसल यह वे दोनों बैच के आईएएस अफसर हैं जो जिलों की कमान सम्हालने के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। माना जा रहा है कि इनमें से कई अफसरों की मंशा पूरी हो सकती है। माना जा रहा है की मुख्यमंत्री द्वारा हर माह कलेक्टर, कमिश्नर, आईजी और पुलिस अधीक्षकों की तैयार कराई जाने वाली रिपोर्ट का असर भी नई पदस्थापना सूची में दिख सकता है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में इसी रिपोर्ट के आधार पर ही समीक्षा की जाती है। इस सूची में उनका नाम तय माना जा रहा है जिन अधिकारियों का काम बार-बार समझाइश देने के बाद भी नहीं सुधर रहा है। इसके अलावा सीएम हेल्पलाइन में जिन जिलों की शिकायतें अधिक आ रही हैं, उसे भी तबादलों में आधार बनाया जाएगा। इसी तरह से मंत्रालय में भी कुछ प्रमुख सचिवों के विभागों में फेरबल संभावित है। कुछ आईएएस अधिकारी ऐसे हैं, जिनके पास एक से ज्यादा विभागों की जिम्मेदारी है या अतिरिक्त प्रभार है। अब ऐसे अफसरों से अतिरिक्त प्रभार वापस लेकर उस पद पर किसी नए अधिकारी की स्वतंत्र पदस्थापना की जा सकती है।


    एक विभाग में पदस्थ हैं तीन पीएस
    नगरीय प्रशासन व विकास विभाग में इस समय प्रमुख सचिव वेतनमान के तीन अधिकारी हैं। प्रमुख सचिव मनीष सिंह के अलावा आयुक्त नगरीय प्रशासन व विकास निकुंज श्रीवास्तव तथा आयुक्त नगर व ग्राम निवेश मुकेश गुप्ता भी प्रमुख सचिव वेतनमान में पदोन्नत हो चुके हैं। इसकी वजह से इन्हें भी बदला जाना तय है। प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा श्रीमती रश्मि अरुण शमी विभाग में चार साल से अधिक समय से पदस्थ हैं। प्रमुख सचिव वाणिज्यिक कर श्रीमती दीपाली रस्तोगी, प्रमुख सचिव आदिमजाति कल्याण डा. पल्लवी जैन गोविल, प्रमुख सचिव खनिज साधन सुखवीर सिंह के विभाग में बदलाव की चर्चा जोरों पर है। उधर,आयुक्त आबकारी राजीव दुबे आगामी 31 अगस्त को सेवानिवृत्त हो रहे। उनके स्थान पर भी पदस्थापना की जानी है। इस पद पर सभी की नजर है।
    इसी तरह से चंबल संभाग का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे ग्वालियर कमिश्नर आशीष सक्सेना भी अगले माह तीस सितम्बर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। विश्वसनीय सूत्रों की ताने तो ग्वालियर, सिंगरौली, शिवपुरी, मंडला, गुना, पन्ना, डिंडोरी, कटनी, उमरिया आदि जिलों के कलेक्टरों का बदलना तय है। इनमें से कुछ को दूसरे जिलों में भी पदस्थ किया जा सकता है।

    जिलों में बढ़ेगी प्रमोटी अफसरों की भागीदारी
    प्रदेश के 52 जिलों में से बीस से अधिक जिलों की कमान राज्य प्रशासनिक सेवा से पदोन्नत होकर आईएएस अफसर बनने वाले प्रमोटियों के पास है। इसी तरह से करीब डेढ़ दर्जन जिलों में प्रमोटी आईपीएस अफसर भी पदस्थ हैं। जिन जिलों में प्रमोटी कलेक्टर हैं उनमें इंदौर, विदिशा, रायसेन, रीवा, सीधी, शहडोल, दतिया, शाजापुर, आगर मालवा, रतलाम, मंदसौर, खरगोन, बड़वानी, टीकमगढ़, पन्ना, देवास, उमरिया, निवाड़ी, शिवपुरी, डिंडोरी, श्योपुर शामिल हैं। इसके अलावा शेष 35 जिलों की कमान सीधी भर्ती के आईएएस अधिकारियों के पास है। माना जा रहा है की नई तबादला सूची में प्रमोटी अफसरों को मैदानी पदस्थापना में अधिक महत्व दिया जा सकता है। उधर, पुलिस विभाग में जिन अफसरों की नए सिरे से पदस्थापना होनी है उनमें एसपी, डीआईजी व आईजी स्तर तक के अफसर शामिल हैं। इनमें शिवपुरी एसपी राजेश चंदेल व धार एसपी का जिले में तीन वर्ष से अधिक का कार्यकाल होने से उनकी नई पदस्थापना होनी तय है। इसके अलावा पुलिस हाउसिंग अध्यक्ष का पद रिक्त बना हुआ है, जबकि स्पेशल डीजी मुकेश जैन को नई पदस्थापना का इंतजार है। उधर, स्पेशल डीजी एसएएफ मिलिंद कानस्कर एक माह बाद 31 अगस्त को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। उनकी जगह परिवहन आयुक्त एसके झा स्पेशल डीजी पद पर पदोन्नत होंगे।

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