डेस्क। लोकसभा चुनाव 2024 में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद शिरोमणि अकाली दल में बगावत के सुर उठने लगे हैं। अकाली दल के कई वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी के अध्यक्ष सुखबीर बादल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। नेताओं के मांग है कि लोकसभा चुनावों में पंजाब में पार्टी की हार की जिम्मेदारी लेते हुए सुखबीर को इस्तीफा देना चाहिए। अकाली दल के नेताओं ने जालंधर में बैठक के बाद पार्टी नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कहा कि वे अगले महीने से ‘शिरोमणि अकाली दल बचाओं’ आंदोलन शुरू करेंगे।
जिस वक्त अकाली दल के बागी नेता जालंधर में बैठक कर रहे थे तब सुखबीर बादल चंडीगढ़ में नेताओं के साथलोकसभा चुनावों में प्रदर्शन की समीक्षा बैठक कर रहे थे। बागी नेताओं को अकाली दल ने भारतीय जनता पार्टी द्वारा प्रायोजित हताश तत्व बताया है जो कि पार्टी को कमजोर करना चाहते हैं। पार्टी ने कहा कि उन्हें सफल नहीं होने दिया जाएगा।
5 घंटे की बैठक के बाद अकाली दल के पूर्व सांसद प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने बताया कि उन्होंने पार्टी की पिछली गलतियों और कमियों पर चर्चा की है। उन्होंने बताया कि बैठक में एक जुलाई को अकालतख्त पर पिछली गलतियों और कमियों के लिए माफी मांगने का फैसला किया गया है। इसके साथ ही एक पत्र सिखों की शीर्ष धार्मिक संस्था अकालतख्त के कार्यालय को भी सौंपा जाएगा। उसी दिन से ‘शिरोमणि अकाली दल बचाओ’ आंदोलन भी शुरू किया जाएगा।
लोकसभा चुनाव में पंजाब में अकाली दल को करारी हार का सामना करना पड़ा था। पंजाब की 13 लोकसभा सीटों में से अकाली दल को सिर्फ 1 सीट पर जीत मिली थी। सुखबीर की पत्नी हरसिमरत कौर बादल ने बठिंडा सीट जीती थी। हालांकि, चुनाव में अकाली दल के 10 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी। इसके साथ ही 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी का वोट प्रतिशत 27.45 था जो इस बार घटकर 13.42 रह गया।
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