लखनऊ. इलाहाबाद हाईकोर्ट गाजीपुर से समाजवादी पार्टी के सांसद अफजाल अंसारी (Afzal Ansari) के राजनीतिक भविष्य का आज फैसला सुनाएगी. गाजीपुर की MP/MLA कोर्ट द्वारा दी गई चार साल की सजा पर हाईकोर्ट का फैसला आएगा. बीते साल अप्रैल में कृष्णानंद राय हत्याकांड (Krishnanand Rai Murder Case) में दर्ज हुए गैंगस्टर केस में अफजाल को चार साल की सजा सुनाई थी. अफजाल की जिंदगी में जब भी कोई बड़ा बदलाव आया वह तारीख 29 ही रही. आइए मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल की जिंदगी का 29 तारीख से कनेक्शन जानते हैं.
एक बार फिर पड़ी 29 तारीख
अब फिर जब गैंगस्टर एक्ट केस में इलाहाबाद हाईकोर्ट का अपना फैसला सुनाना है तो फिर वही तारीख 29 पड़ी है बस महीना जुलाई और साल 2024 हो गया. इसके साथ ही अफजाल अंसारी की जिंदगी के साथ एक और इत्तेफाक जुड़ा है. यूं तो अफजाल अंसारी पांच बार विधायक और तीन बार के सांसद हैं लेकिन जब-जब अफजाल अंसारी सांसद बने उनको जेल जाना पड़ा.
2004 में पहली बार सांसद बने थे अफजाल
अफजाल अंसारी सबसे पहले 2004 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के टिकट पर गाजीपुर से सांसद बने, लेकिन 29 नवंबर 2005 को भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या हो गई और दिसम्बर 2005 को अफजाल अंसारी को साजिश रचने के आरोप में जेल जाना पड़ा.
2009, 2014 में हारे थे लोकसभा चुनाव
2009 में अफजाल अंसारी ने बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ा, लेकिन चुनाव हार गए. 2014 में बलिया सीट से कौमी एकता दल के टिकट पर चुनाव लड़ा वहां फिर चुनाव हार गए. 2019 में सपा बसपा का गठबंधन हुआ और अफजाल अंसारी बसपा के टिकट पर गाजीपुर से चुनाव लड़े और दूसरी बार सांसद चुने गए, लेकिन दूसरी बार सांसद बनने के 4 साल बाद अप्रैल 2023 में गाजीपुर की MP/MLA कोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट में 4 साल की सजा सुनाई और अफजाल अंसारी को जेल जाना पड़ा.
जब-जब सांसद बने अफजाल, जाना पड़ा जेल
इलाहाबाद हाई कोर्ट से जमानत और सुप्रीम कोर्ट से सजा पर अंतरिम रोक के फैसले के बाद फिर अफजाल अंसारी तीसरी बार गाजीपुर से सांसद बने हैं. अब अफजाल अंसारी पर सांसद बनने और जेल जाने का इत्तेफाक तीसरी बार होगा या इत्तेफाक होकर रह जाएगा यह आज इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के साथ तय हो जाएगा.
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