नई दिल्ली। 5G नेटवर्क(5G network) जल्द ही भारत में लॉन्च होने वाला है. 3G से 4G और 5G तक पहुंचते-पहुंचते टेलीकॉम सेक्टर में कई बदलाव हो गए हैं. पिछले एक दशक में प्राइवेट कंपनियों (private companies) और ग्रुप्स की एंट्री के बाद टेलीकॉम सेक्टर (telecom sector) तेजी से बदल रहा है. बदलाव अच्छी दिशा में हो रहा है, सेक्टर हर दिन नई टेक्नोलॉजी को जोड़ रहा है.
दुनियाभर की सरकारें भी इस क्षेत्र को ज्यादा से ज्यादा विकसित करने के लिए पॉलिसी में बदलाव कर रही हैं. पॉलिसी के आसान होने से सेक्टर में नए प्लेयर्स की एंट्री होगी और नई टेक्नोलॉजी (New technology) देखने को मिलेगी.
इस दशक के अंत तक 5G में काफी ज्यादा ग्रोथ हो सकती है. हालांकि, 5G सिर्फ जमीन तक नहीं बल्कि स्पेस में भी पहुंच जाएगा. जल्द ही हमें यह टेक्नोलॉजी देखने को मिल सकती है.
ये ब्रांड्स लो अर्थ ऑर्बिट सैटेलाइट के जरिए 5G कनेक्टिविटी प्रदान करेंगे. कंपनी ने इस प्रोजेक्ट की संभावना को लेकर कुछ स्टडी भी की हैं. अंतरिक्ष से 5G सर्विस की शुरुआत के लिए कंपनियों ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है.
अगर ये प्रोजेक्ट सफल रहता है कि तो उन इलाकों में भी इंटरनेट मिलेगा, जहां अभी तक नहीं पहुंच सका है. स्पेस 5G की मदद से उन मुश्किल जगहों पर सुपर फास्ट इंटरनेट कनेक्टिविटी मिलेगी, जहां पर तक फाइबर या ट्रेडिशनल तरीकों की पहुंच नहीं है.
ऐसी एक सर्विस एलॉन मस्क की स्पेस एक्स है. यूक्रेन युद्ध में हमने देखा की जब ट्रेडिशनल तरीके फेल हो जाते हैं, तो टेलीकॉम कंपनियों को किन मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में स्पेस से 5G सर्विस के मिलने की कल्पना भी काफी ज्यादा उत्साहित करती है.
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