ओंकारेश्वर: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के खंडवा स्थित ओंकारेश्वर अभयारण्य (Omkareshwar Sanctuary) को अब बाघ, तेंदुए (Tigers, Leopards) और अन्य वन्य जीवों (Wildlife) के लिए एक सुरक्षित आश्रय के रूप में विकसित किया जा रहा है. प्रदेश सरकार ने इस अभयारण्य के निर्माण को मंजूरी दे दी है. यहाँ घने जंगल, जलाशय और 52 खूबसूरत टापू मौजूद हैं, जो इसे वन्य जीवों के लिए आदर्श बनाते हैं. इस अभयारण्य का उद्देश्य न केवल इन प्रजातियों को संरक्षित करना है, बल्कि उनके कुनबों को बढ़ाने के लिए भी अनुकूल माहौल देना है. यह क्षेत्र धार्मिक और पर्यटन उद्योग (Religious and Tourism Industry) के लिए भी महत्वपूर्ण साबित होगा.
वन विभाग ने ओंकारेश्वर अभयारण्य में 84 किलोमीटर लंबा ग्रीन कॉरिडोर बनाने का फैसला किया है. यह कॉरिडोर ओंकारेश्वर के जंगलों को सतवास और सीहोर के खिवनी जंगलों से जोड़ेगा. ग्रीन कॉरिडोर एक ऐसा संरक्षित मार्ग होता है, जो वन्य जीवों को एक जंगल से दूसरे जंगल तक सुरक्षित आवागमन की सुविधा देता है. इससे बाघ और तेंदुए जैसे बड़े शिकारी जानवर अपने क्षेत्र का विस्तार कर सकेंगे. यह कॉरिडोर मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने और जैव-विविधता को बढ़ाने में भी मदद करेगा. विभाग ने इसके लिए संरक्षित इलाके भी तैयार किए हैं.
ग्रीन कॉरिडोर का निर्माण वन्य जीवों के लिए कई लाभ लेकर आएगा. यह उन्हें भोजन, प्रजनन और आवास के लिए अधिक स्थान उपलब्ध कराएगा. अभयारण्य के घने जंगल और जलाशय प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर हैं, जो वन्य जीवों की जरूरतों को पूरा करेंगे. साथ ही, यह क्षेत्र पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा, जिससे स्थानीय पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा. धार्मिक महत्व के कारण ओंकारेश्वर पहले से ही प्रसिद्ध है, और अब वन्य जीवों की मौजूदगी इसे और खास बनाएगी. यह पहल पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक विकास के बीच संतुलन का शानदार उदाहरण है.
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