उज्जैन। शहर में पिछले 6 माह के अंतर्गत कुछ मामले ऐसे हैं जो शहर की प्रमुख सुर्खियाँ बने। पुलिस ने मामलों में जाँच के बाद केस में आरोपियों की संख्या बढऩे से लेकर जाँच कर गंभीर मामले दर्ज करने की भी बात कही थी लेकिन अब यह मामले जाँच की आँच में गुम होकर रह गए हैं।
अपराध होने के बाद मामले सुर्खियाँ बनते हैं और पुलिस क्राइम सीन के पास पहुँचकर मामलों को सुलझाने की बात भी करती है। प्रकरण दर्ज होने के बाद पुलिस जाँच के बाद कहती है कि इसमें आरोपियों की संख्या और बढ़ेगी लेकिन मामले जहाँ से शुरू होते हैं, वहीं पर अटक कर रहे जाते हैं। कुछ मामले तो ऐसे हैं जिन में आज तक सिर्फ जाँच ही चल रही है। पुलिस की इस तरह की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान भी लगते हैं। इसी तरह मार्च माह में उज्जैन के माधव नगर थाने में शाजापुर के ग्राम सुनेरा निवासी युवक की मौत होने के बाद कुछ लोगों ने मृतक की पत्नी के दस्तावेजों पर देवास निवासी महिला के फोटो लगाकर 19.80 लाख रुपये बीमा के निकाल लिए थे। महिला ने जब अपने पति की बीमा राशि लेने के लिए कंपनी में आवेदन किया तो बताया गया कि उसने राशि निकाल ली है। इसके बाद उसने माधव नगर पुलिस को शिकायत की। पुलिस ने देवास निवासी महिला, पुरुष व एक अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया था। शाजापुर के ग्राम सुनेरा निवासी टीना पत्नी रोहित उदासी ने शिकायत की थी कि उसके पति रोहित की बीते वर्ष मौत हो गई थी। रोहित ने एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस से बीमा पालिसी ली थी। पति की मौत के बाद जब टीना ने बीमा राशि निकालने के लिए कंपनी में आवेदन किया तो वहाँ पता चला कि उसके नाम पर किसी और महिला ने मृतक की पत्नी टीना बनकर 19.80 लाख रुपये निकाल लिए हैं। पुलिस ने जांच की तो पता चला कि पूजा पत्नी अनिल चौहान निवासी ग्राम बरोठा देवास ने धर्मेंद्र सांसी व एक अन्य के साथ मिलकर टीना के दस्तावेजों पर अपने फोटो लगाकर बैंक में खाता खुलवाया और उसके बाद बीमा कंपनी में राशि निकालने के लिए आवेदन किया। पूजा ने 16 व 17 फरवरी को दो बार में कुल 19.80 लाख रुपये निकालकर अपने बैंक खाते में जमा करवा लिए। जाँच के बाद पुलिस ने पूजा, धर्मेंद्र सहित एक अन्य के खिलाफ धारा 419, 420, 467, 468, 471, 34 के तहत केस दर्ज किया था। पुलिस ने मामले में दो से तीन आरोपियों की गिरफ्तार करने के बाद प्रेस वार्ता में कहा था कि बैंक अधिकारी और कर्मचारियों सहित 5 से 6 आरोपी और धोखाधड़ी के मामले में बढ़ेंगे लेकिन आज तक इस जाँच में कुछ नहीं हो पाया और मामला रफा दफा हो गया। पुलिस सूत्र इस मामले में बहुत सी बात बता रहे हैं। इसी तरह दिसंबर महीने में दूसरा मामला शहर की सुर्खी बना जिसमें शहर के आरती पैथोलॉजी लैब में टेक्नीशियन का काम करने वाली युवती ने बाथरूम में लैब संचालक द्वारा कैमरा लगाने का आरोप लगाया था। जब संचालक को पुलिस में शिकायत होने का पता चला तो उसने तत्काल वहाँ से कैमरा हटा लिया था। उज्जैन के माधव नगर थाना क्षेत्र में मक्सी रोड स्थित आरती पैथोलॉजी लैब में टेक्नीशियन का काम करने वाली युवती वहीं तीसरी मंजिल पर ही रहती थी वहीं बाथरूम में युवती को नहाते वक्त कुछ अंदेशा हुआ। उसने बारीकी से देखा तो वहाँ बल्ब के पास केबल और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बाहर आ गए थे युवती ने इसके बाद अपने रिश्तेदार को फोन पर बताया इस दौरान लैब संचालक को भी बुलाकर बताया इस पर उसने सेंसर लगे होने की जानकारी दी। इसके बाद उसने उसे वहाँ से निकाल लिया युवती की ओर से शिकायत दर्ज की गई थी और बाथरूम में लगे उपकरणों को पुलिस ने जब्त किया गया था। पुलिस के अनुसार लैब से जो डिवाइस जब्त की गई थी वह साइबर सेल में जाँच के लिए दी गई थी लेकिन आज तक वह डिवाइस जाँच के बाद नहीं लौटी। माधव नगर थाने के यह दो मामले जो सुर्खी बने और जाँच की आँच में आज तक बाहर ना हो सके लेकिन इन दोनों ही मामलों में पुलिस सूत्र बता रहे हैं कि अब इन मामलों में कोई जाँच नहीं होगी।
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