नई दिल्ली: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल कथित शराब घोटाला मामले में पूरे 156 दिन जेल में गुजारने के बाद शुक्रवार को जेल से बाहर आ गए हैं. शुक्रवार शाम जब सीएम केजरीवाल जेल से बाहर आए तो तिहाड़ जेल के बाहर ढोल नगाड़े और आतिशबाजी से केजरीवाल का जोर-शोर से स्वागत किया गया. केजरीवाल के जेल से बाहर आने पर पटाखों और आतिशबाजी के इस्तेमाल को लेकर कई सवाल खड़े हो गए हैं. विपक्ष का कहना है कि जब दिल्ली में पटाखों पर बैन लगाया गया है तो फिर केजरीवाल की रिहाई पर क्यों जमकर आतिशबाजी हुई.
इस सवाल पर आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा, ये ऐसी पार्टी (बीजेपी) है कि कभी आलू पूड़ी, कभी मिठाई, कभी कोई, कभी कोई मुद्दा लेकर आ जाते हैं. अभी जो जरूरी काम है वो है हमारी योजनाओं को दिल्ली के लोगों के लिए लागू करना. संजय सिंह ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, देश को शर्मसार करने वाला एक वीडियो जरूर सामने आया है. अपने आप को योद्धा और हीरो बताने वाले प्रधानमंत्री के सुरक्षा सलाहकार पुतिन को सफाई दे रहे हैं, वो देखकर एक-एक भारतीय का सिर शर्म से झुक गया. सबसे बड़े लोकतंत्र का प्रधानमंत्री किसी भी देश की यात्रा करने जाएं तो वो 140 करोड़ लोगों के प्रधानमंत्री हैं. पहले कहते थे कि पापा ने युद्ध रुकवा दिया, और अब पापा यूक्रेन चले गए तो सफाई दे रहे हैं.
बीजेपी पार्टी के सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने आप पर निशाना साधते हुए ट्वीट कर कहा, दिल्ली में पटाखों पर प्रतिबंध के बावजूद अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर पटाखे फोड़े जा रहे हैं, यह उनके ही बनाए कानून का सीधा उल्लंघन है. सवाल यह उठता है कि जब खुद के नियमों का पालन नहीं किया जा सकता, तो आम जनता पर किस उम्मीद से यह नियम थोपे जा रहे हैं? यह दोहरे मापदंड क्यों?
दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा, दिल्ली में आज सुबह (13 सितंबर) से न जाने किस बात का जश्न मनाया जा रहा है, एक अभियुक्त जेल से रिहा हो रहा है जमानत पर, एक मुख्यमंत्री रिहा नहीं हो रहा है. एक सीएम रिहा होता तो वो ऑफिस जाता सरकारी फाइलों पर साइन करता. उन्होंने आगे आप पर निशाना साधते हुए कहा, लेकिन उत्सव मनाया जा रहा है, इस उत्सव को मनाने के लिए आम आदमी पार्टी एक विशेष किस्म के पटाखे लाई है, जिसमें से शायद वायुमंडल में ऑक्सीजन, नाइट्रोजन निकल कर जाएंगे.
3 दिन पहले हमें बताया गया था पटाखों से दिल्ली में प्रदूषण होता है, बताने वाले गोपाल राय से मैं पूछता हूं पटाखों से अब कुछ नहीं होगा, क्या जो मुख्यमंत्री के दरवाजे पर जल रहे हैं. उन्होंने कहा, मैं गोपाल राय को चुनौती देता हूं कि अगर हिम्मत है, ईमानदारी है तो दीवाली पर जलने वाले पटाखों से भी प्रतिबंध हटाए, रामलीला पर जलने वाले पटाखों से भी प्रतिबंध हटाए. साथ ही उन्होंने कहा, जिन लोगों ने पटाखे जलाए हैं उन पर एक्शन लिया जाए.
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