नई दिल्ली (New Delhi)। देशभर में धूमधाम के साथ ही हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti ) का पर्व मनाया जाता है. राम भक्त और हनुमान भक्त दोनों ही इस शुभ दिन को मनाते हैं और पूजा-पाठ करते हैं. मान्यता है कि चैत्र महीने (chaitra month) की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को ही भगवान हनुमान (Hanuman ) का जन्म हुआ था और इसलिए इस दिन को हनुमान जी के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है. इस साल हनुमान जयंती गुरुवार 6 अप्रैल को पड़ रही है.
रामजी के जन्म के 6 दिन बाद हनुमान का जन्म
हम सभी जानते हैं कि हनुमान जी भगवान राम के परम भक्त हैं. इसलिए उन्हें राम भक्त हनुमान भी कहा जाता है. संयोग देखिए कि भगवान राम के जन्म के 6 दिन बाद ही हनुमान जी का जन्मोत्सव भी मनाया जाता है. यानी भगवान राम के जन्म के छह दिन बाद उनके भक्त हनुमान जी का भी जन्म हुआ था. इस साल 30 मार्च 2023 को रामनवमी का त्योहार मनाया गया और इसके ठीक छह दिन बाद अब 6 अप्रैल को हनुमान जयंती मनाई जाएगी.
तो इस कारण रामजी के जन्म के छह दिन बाद जन्मे भक्त हनुमान
रामजी के जन्म से ठीक 6 दिन बाद भगवान हनुमान के जन्म की घटना को आप भले ही महज संयोग (just a coincidence) मान सकते हैं. लेकिन यह संयोग नहीं बल्कि इसके पीछे एक बड़ा कारण है. तुलसीदास जी हनुमान चालीसा में लिखते हैं- ‘भीम रूप धरि असुर संहारे. रामचंद्रजी (Ramchandraji) के काज संवारे’. इसका अर्थ है कि, राम जी सबके बिगड़े काम बनाते हैं, लेकिन उनके काम हनुमानजी बनाते हैं. यही कारण है कि प्रभु राम की सहायता करने के लिए हनुमान जी का जन्म रुद्र के 11वें अवतार के रूप हुआ.
रुद्र यानी भगवान शिव (Lord Shiva). हनुमान जी शिव के 11वें रुद्रावतार और भगवान राम विष्णुजी के 7वें अवतार हैं. कहा जाता है कि जब भगवान विष्णु ने श्रीराम के रूप में पृथ्वीलोक पर असुरों का संहार करने के लिए एक सामान्य मनुष्य के रूप में जन्म लिया तो शिवजी चिंतित हो गए. इस कारण प्रभु की सहायता के लिए वे स्वयं भी हनुमान का अवतार लेकर उनकी सहायता के लिए धरती पर आ गए.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved