उज्जैन। महाकाल के साथ ही हरसिद्धि मंदिर भी प्रमुख स्थान रखता है और इसके कायाकल्प तथा यात्रियों को धूप और बारिश से बचाने के लिए 7 करोड़ की भव्य योजना कमलनाथ सरकार ने बनाई थी जिसे बाद में भाजपा सरकार ने रोक दिया..आज सैकड़ों यात्री मंदिर में आते हैं लेकिन धूप से परेशान हो रहे हैं..जब महाकाल लोक पर अरबों खर्च हो रहे हैं तो फिर इस योजना को क्या रोका गया।
राजा विक्रमादित्य की आराध्य देवी देश के 52 शक्तिपीठों में एक माँ हरसिद्धि के दरबार में दर्शन के लिए तेज धूप और बारिश से बचने के लिए लाइन में लगे श्रद्धालुओं की कोई व्यवस्था नहीं है। आश्चर्य तो इस बात का है कि मंदिर में श्रद्धालुओं को धूप और बारिश से बचने के लिए और अन्य कार्यों के लिए कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने 7 करोड़ रुपए की योजना एजेंसी के माध्यम से बनाकर मंजूर भी कर दी थी। योजना पास भी हो गई। डिजाइन और ड्राइंग भी बन गई लेकिन सरकार के जाते ही योजना भी चली गई और श्रद्धालु फिर धूप और बारिश में दर्शन करते दिखाई देते हैं। योजना की प्लानिंग के अनुसार मंदिर के अंदर परिसर में बेसमेंट की तरह खुदाई कर ऊपर सीमेंट की छत और पंखे लगाकर श्रद्धालुओं को मंदिर मां हरसिद्धि के दर्शन ले जाने की व्यवस्था थी। एक सुंदर वेटिंग हाल बनाया जाना था, मंदिर का बाहरी रूप और अंदर से मंदिर को सुंदर किया जाना था, लेकिन कांग्रेस की 15 महीने की सरकार चलने के बाद जब सरकार बदली दो यह योजना कागजों में ही दब कर रह गई। वर्तमान में तेज धूप के चलते मंदिर प्रबंध समिति द्वारा मंदिर परिसर के अंदर श्रद्धालुओं के लिए कनात लगाकर व्यवस्था की गई है लेकिन तेज आंधी और बारिश है यह व्यवस्था भी ध्वस्त हो जाती है।
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