नई दिल्ली: एयरलाइन कंपनी स्पाइसजेट (SpiceJet) के आर्थिक हालात शायद ठीक नहीं चल रहे हैं. ये हम नहीं कह रहे, बल्कि कंपनी के कड़े फैसले इस बात की गवाही दे रहे हैं. दरअसल, स्पाइसजेट ने अपने 80 पायलटों (SpiceJet Pilots) को बिना वेतन के छुट्टी (leave without pay) पर भेज दिया है. बीते दिनों कंपनी पर DGCA की सख्ती के बाद उसकी स्थिति और खराब हुई है.
स्पाइसजेट (SpiceJet) ने इन 80 पायलटों को तीन महीने के लिए बिना वेतन के छुट्टी पर भेजा है. गौरतलब है कि बीते 27 जुलाई 2022 को विमानन नियामक डीजीसीए ( DGCA) स्पाइसजेट विमानों में लगातार आ रहीं तकनीकी खराबियों के बीच बड़ा एक्शन लेते हुए 8 हफ्तों के लिए 50% उड़ानों पर रोक लगा दी है. नियामक ने कहा था कि इन आठ हफ्तों तक एयरलाइन को अतिरिक्त निगरानी में रखा जाएगा.
DGCA ने अपने आदेश में कहा था कि अगर भविष्य में स्पाइसजेट एयरलाइन 50 फीसदी से ज्यादा उड़ानें चाहती है, तो उसे ये साबित करना होगा कि ये अतिरिक्त भार उठाने की क्षमता उसके पास है, पर्याप्त संसाधन और स्टॉफ मौजूद हैं. बता दें स्पाइसजेट के बेड़े में 90 विमान शामिल हैं, लेकिन डीजीसीए के आदेश के बाद से कंपनी 50 विमान ही ऑपरेट कर रही है.
रिपोर्ट में मामले से जुड़े सुत्रों का हवाला देते हुए कहा गया है कि ‘लीव विदआउट पे’ पर गए पायलटों में से 40 पायलट B737 एयरक्राफ्ट के हैं, जबकि Q400 एयरक्राफ्ट के 40 पायलट हैं. कंपनी की ओर से कहा गया है कि इन पायलटों को अस्थायी उपायों के तहत छुट्टी पर भेजा गया है. इससे कंपनी को लागत कम करने और खर्च घटाने में मदद मिलेगी.
स्पाइसजेट ने अपने बयान में कहा कि किसी भी कर्मचारी की छंटनी नहीं की जा रही है. एयरलाइन ने एयरलाइन ने कोविड महामारी के चरम पर पहुंचने के दौरान भी कोई छंटनी नहीं की थी. इसके साथ ही एयरलाइन यह भी स्पष्ट किया कि इन पायलटों के छुट्टी पर जाने के काम-काज पर कोई असर नहीं होगा. कंपनी में पायलटों की संख्या पर्याप्त है.
रिपोर्ट में बताया गया है की, स्पाइसजेट कई महीनों से घाटे में चल रही है. जून तिमाही में कंपनी का घाटा बढ़कर 784 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह आंकड़ा 731 करोड़ रुपये था. वित्तीय वर्ष के हिसाब से घाटे का ग्राफ देखें तो स्पाइसजेट को FY19, FY20, FY21 और FY22 में क्रमशः 316 करोड़ रुपये, 934 करोड़ रुपये, 998 करोड़ रुपये और 1,725 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा उठाना पड़ा है.
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