बंगलुरु । कर्नाटक के मंत्री (Karnataka Minister) प्रियांक खड़गे (Priyank Khadge) ने कहा कि हम अपने बच्चों (We Our Children) को पाठ्यपुस्तकों में विकृत इतिहास (Distorted History in Textbooks) का अध्ययन क्यों कराएं (Why should Study) ? राज्य में पिछली सरकार द्वारा पाठ्यपुस्तक में किए गए संशोधन गलत थे। उन्होंने सवाल किया कि ‘बच्चों को विकृत इतिहास क्यों पढ़ना चाहिए’। खड़गे ने गुरुवार को नई दिल्ली में यह बात कही। खड़गे ने कहा, जो भी कानून हमारे बच्चों की शिक्षा पर चिंता पैदा करता है, उसे बदल दिया जाएगा। हम इस मुद्दे पर स्पष्ट हैं।
पिछले साल रोहित चक्रतीर्थ की अध्यक्षता वाली एक समिति ने मैसूर के शासक टीपू सुल्तान के गौरवशाली हिस्सों को हटा दिया था और कर्नाटक में कक्षा 10 के छात्रों के लिए हेडगेवार का एक भाषण जोड़ दिया। तत्कालीन शिक्षा मंत्री बी.सी. नागेश ने कड़े विरोध के बावजूद इस कदम का बचाव किया था। इस बीच हिंदुत्व विचारक चक्रवर्ती सुलिबेले के लिखे एक पाठ को हटाने की मांग की गई है। पिछली भाजपा सरकार ने ‘ताई भारतीय अमरपुत्रारू’ शीर्षक के तहत इसे पाठ्यक्रम में जोड़ा था।
पिछले सप्ताह कार्यकर्ता और वरिष्ठ शिक्षाविद् डॉ. वी.पी. निरंजनाराध्या ने मुख्यमंत्री सिद्दारमैया से मुलाकात की और इस संबंध में एक प्रस्ताव पेश किया। उन्होंने सीएम से कहा था कि बच्चों के लिए भगवा विचारधारा को शामिल करने की आवश्यकता नहीं है। निरंजनाराध्या ने यह भी कहा कि पिछली सरकार द्वारा रोहित चक्रतीर्थ की अध्यक्षता में गठित पाठ्यपुस्तक पुनरीक्षण समिति ने पाठ्यक्रम का भगवाकरण किया है और डॉ. बी.आर. अम्बेडकर, बसवन्ना, कुवेम्पु, टीपू सुल्तान का अपमान किया है। उन्होंने मांग की कि चूंकि पाठ्यपुस्तकें पहले ही प्रकाशित हो चुकी हैं, इसलिए इस वर्ष छात्रों को चक्रवर्ती सुलिबेले द्वारा लिखित हेडगेवार पर पाठ और अन्य ‘आपत्तिजनक’ सामग्री नहीं पढ़ाई जानी चाहिए। अगले वर्ष से फिर से पाठ्यपुस्तकों की समीक्षा करने की भी मांग की गई है।
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