भोपाल: कर्नाटक (Karnataka) में बीजेपी (BJP) की करारी हार के बाद देश भर में परिणामों की चर्चा हो रही है. लोग अपने-अपने हिसाब से विश्लेषण (Analysis) कर साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव (assembly elections) और 2024 के आम चुनावों के आंकड़े पेश कर रहे हैं. राजनीतिक गलियारों (political corridors) में एक चर्चा ये भी है कि सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) को इससे अलर्ट हो जाना चाहिए. ऐसी इसलिए क्योंकि सिंधिया कांग्रेस से भाजपा में आए और ऐसे लोगों का रिजल्ट कर्नाटक में बेहत बुरा रहा है.
कर्नाटक में 224 सीटें हैं. यानी बहुमत के आंकड़ा 113 है. इसमें से भाजपा- 66, कांग्रेस- 135, जेडीएस-19 और अन्य ने 4 सीटें जीती है. मतलब कांग्रेस क्लीयर मेजोरटी से सरकार बना रही है. आइये अब इन आंकड़ों को सिंधिया के एंगल को समझते हैं. 2018 में भाजपा को कर्नाटक में 104 सीटें मिली थीं. ऐसे में वो सरकार बनाने के आंकड़े से दूर थी. जिस कारण कांग्रेस ने जेडीएस के समर्थन से सरकार बना ली. लेकिन, ये सरकार बहुत दिनों तक नहीं चल पाई. एक साल के अंदर ही कांग्रेस-जेडीएस के 17 विधायक इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हो गए और जिसके चलते कांग्रेस- जेडीएस की सरकार गिर गई थी. ठीक इसी तरह मध्य प्रदेश में सिंधिया ने अपने समर्थकों के साथ बीजेपी में शामिल होकर किया था.
जिन 17 विधायकों ने 2019 में बीजेपी की सरकार बनाई थीं. उनमें से उपचुनाव में पार्टी ने 15 को टिकट दिया. हालांकि, जीतने में 12 ही कामयाब हो सके थे. इस चुनाव में भाजपा ने 17 में से 14 नेताओं को टिकट दिया था. हालांकि, इनमें से 8 चुनाव हार गए. अब अगर मध्य प्रदेश में भाजपा इन आंकड़ों पर दौर करती है तो सिंधिया समर्थकों की समस्या बढ़ सकती है.
बता दें कि 2018 के चुनाव में कांग्रेस की 114 सीटें आई थी. जिसके बाद कमलनाथ ने निर्दलीय, सपा और बसपा के समर्थन से सरकार बना ली थी. लेकिन, महज 15 महीने ही बीते थे कि सिंधिया समर्थक विधायकों ने दल बदल लिया था. सबसे पहले मार्च 2020 में 22 विधायक बीजेपी में शामिल हुए इसके बाद धीरे-धीरे 6 और आ गए. यानी 28 कांग्रेस विधायक बीजेपी में आ गए और शिवराज सिंह चौहान की सरकार बन गई. हालांकि, उपचुनाव में 28 में से 9 विधायक चुनाव हार गए थे.
जानकारों का कहना है कि कर्नाटक और मध्यप्रदेश के राजनीतिक हालात लगभग सेम हैं. 2019 में कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस की सरकार गिरी वैसे ही मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार सिंधिया और उनके समर्थकों की बगावत से गिर गई. इस चुनाव में कर्नाटक में तो बागियों की प्रदर्शन खराब रहा. तो अब संभव हा कि पार्ट मध्य प्रदेश के बारे में कुछ प्लान बनाए.
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