नई दिल्ली। भारतीय रेल में खाना, चाय, कॉफी और गर्म सूप मिलना जल्द बंद हो सकता है। खबरों के मुताबिक, रेलवे के एक बड़े यूनियन ने रेल मंत्रालय को चिट्ठी लिखकर कहा है कि ट्रेन से पेंट्री कार हटाकर 3AC कोच लगा दिए जाएं, ताकि रेलवे को अपनी कमाई बढ़ाने में मदद मिल सके। अब देखना होगा की रेलवे का इस पर क्या फैसला होगा, लेकिन रेलवे के इस कदम से यात्रियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
ऑल इंडिया रेलवेमेंन्स फेडरेशन ने रेल मंत्रालय से चिट्ठी लिखकर गुजारिश की है कि ट्रेन से पेंट्री कार हटा देनी चाहिए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक AIRF ने कहा है कि खाना तो बेस किचन से भी मुहैया कराया जा सकता है। रेलवे इन पेंट्री कार से किसी भी तरह का रेवेन्यू जेनरेट नहीं करता है।
रेलवे को पहले कुछ कारणों की वजह से एयरलाइंस पर बढ़त हासिल थी, लेकिन कोरोना महामरी ने लोगों की सोच काफी हद तक बदल दी है। जिसकी वजह से अब स्वास्थ्य कारणों को ध्यान में रखते हुए लोग एयरलाइंस को तरजीह दे रहे हैं। EaseMyTrip.com के Chief executive और co-founder निशांत पिट्टी ने कहा कि रेलवे के इस कदम को यात्री सकारात्मक रूप से नहीं लेंगे। स्पाइसजेट जैसी एयरलाइंस ने छोटे शहरों तक अपनी पहुंच बना ली है, जिसके चलते लोग अपने समय की बचत करने के लिए रेलवे की जगह एयर ट्रैवल की तरफ रूख कर सकते हैं। ऐसे में पेंट्री कार हटाने का रेलवे का निर्णय उसे और नुकसान पहुंचा सकता है।
रेलवे बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष आर के सिंह ने कहा है कि रेलवे को अधिक से अधिक बेस किचन बनाना चाहिए। सिंह ने कहा कि बेस किचन एक बहुत ही अच्छा कन्सेप्ट है। पेंट्री कार के मुकाबले बेस किचन में स्वच्छता के स्तर को पालन करना ज्यादा आसान रहता है। आज कल के इस माहौल में सफाई पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। मुझे नहीं लगता कि पेंट्री कार को पूरी तरह से हटा देना चाहिए। अगर रेलवे पेंट्री कार हटाने की सोच रहा है तो उसे बेस किचन और अधिक बनाने चाहिए। सिंह ने आगे कहा कि रेलवे जो भी विकल्प चुनता है उसे ध्यान रखना होगा कि यात्रियों को कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़े।
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