पेरिस। टेरर फंडिंग और मनी लॉड्रिंग पर वैश्विक निगरानी करने वाली संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने पाकिस्तान (Pakistan) को बड़ी राहत देते हुए नकारात्मक सूची (gray list) से बाहर कर दिया है।
एफएटीएफ की ओर से हाल ही में जारी बयान में वित्तीय आतंकवाद से निपटने में पाकिस्तान के प्रयास की सरहाना की गई है। बयान में कहा गया है कि पाकिस्तान ने धन शोधन के खिलाफ प्रयासों को मजबूत किया है, वह आतंकवाद को मिल रहे वित्त पोषण से लड़ रहा है और तकनीकी खामियों को दूर किया है। पाकिस्तान पर मनी लॉड्रिंग और आतंकवादियों को वित्तीय मदद पहुंचाने का आरोप था।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान का एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से बाहर होना वर्षों से किए जा रहे निरंतर प्रयासों का प्रमाण है। मैं सैन्य नेतृत्व के साथ उन सभी संस्थानों को बधाई देना चाहता हूं जिनकी कड़ी मेहनत से यह सफलता मिली है।
एफएटीएफ ने कहा कि वह आतंकियों को वित्तीय मदद से निपटने के लिए पाकिस्तान की तरफ से सुधारात्मक पहल का स्वागत करता है। एफएटीएफ ने 20-21 अक्टूबर को पेरिस में हुई अपनी पूर्ण बैठक में यह फैसला लिया।
एफएटीएफ ने पाकिस्तान को 34 एक्शन आइटम दिए थे। एफएटीएफ ने कहा कि उसने जून 2018 और जून 2021 में जिन कमियों की पहचान की थी, उनको पाकिस्तान ने समय सीमा के भीतर पूरा कर लिया है। इसलिए पाकिस्तान अब एफएटीएफ की बढ़ी हुई निगरानी प्रक्रिया के अधीन नहीं है। एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से बाहर आने का मतलब है कि पाकिस्तान को विदेशी मदद हासिल करने में परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
रिपोर्ट के मुताबिक पिछले महीने पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि एफएटीएफ की तकनीकी टीम ने देश का ‘सफल’ दौरा किया है। पाकिस्तान अक्टूबर में मूल्यांकन प्रक्रिया के ‘तार्किक निष्कर्ष’ की उम्मीद कर रहा है।
रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ), विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक (एडीबी) और यूरोपीय संघ (ईयू) से वित्तीय मदद हासिल करने की कोशिशें कर सकता है।एजेंसी
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