जबलपुर। सोशल मीडिया का लीडिंग ब्रांड बन चुके ट्विटर (Twitter) में हिंदी भाषा को मान्यता ना देने का मामला मध्यप्रदेश हाईकोर्ट पहुंच गया है। इस पर आज सुनवाई हुई तो हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि उसने ट्विटर पर हिंदी को प्रमोट करने के लिए अब तक क्या किया।
ट्विटर ने 9 भाषायो को दी है मान्यता : ट्विटर में हिंदी क्यों नहीं इस मामले में बालाघाट की लांजी विधानसभा सीट से पूर्व विधायक किशोर समरीते की ओर से जनहित याचिका दायर की गई है।याचिका में कहा गया है कि ट्विटर ने विश्व की 9 भाषाओं को मान्यता दी है। लेकिन भारत में सर्वाधिक बोली और समझी जाने वाली हिन्दी भाषा को ट्विटर पर मान्यता नहीं है। याचिकाकर्ता ने इस संबंध में केन्द्र सरकार को पत्र लिखा, लेकिन अभी तक इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की गई।
देश में हिंदी-विदेश में इंग्लिश : याचिका में यह भी कहा गया है कि भारत में तो ट्विटर पर हिन्दी में ट्वीट दिखते हैं, लेकिन विदेशों में हिन्दी भाषा के ट्वीट को अंग्रेजी में ट्रांसलेट करके दिखाया जाता है। इसके कारण ज्यादातर हिन्दी ट्वीट का अर्थ बदल जाता है।इसलिए ट्विटर पर हिन्दी भाषा को मान्यता दिलाना जरूरी है।
केंद्र से एक महिने में जवाब मांगा : याचिकाकर्ता के अधिवक्ता शिवेन्द्र पांडे ने कहा दुनिया में ट्विटर का उपयोग करने के मामले में भारत का स्थान तीसरा है। प्रधानमंत्री कार्यालय, रेलवे सहित सभी महत्वपूर्ण विभाग ट्विटर के जरिए महत्वपूर्ण जानकारी देते हैं। इसलिए ट्विटर पर हिन्दी को मान्यता दिलाया जाना जरूरी है। हाईकोर्ट ने केन्द्र सरकार को 24 मार्च तक जवाब पेश करने का समय दे दिया है।
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