नई दिल्ली। कैंसर एक ऐसी स्थिति है जिसमें आपके शरीर के एक विशिष्ट हिस्से में कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ती हैं। ये कैंसर कोशिकाएं अंगों सहित आसपास के हेल्दी टिश्यू को नष्ट कर सकती हैं। जैसे-जैसे कैंसर फैलता है, इसका इलाज करना मुश्किल हो जाता है।
हालांकि, अगर इसकी शुरुआत में ही पता चल जाता है, तो इस बीमारी से निपटना आसान हो जाता है। कैंसर का कारण अभी भी स्पष्ट रूप से ज्ञात नहीं है। आंकड़े बताते हैं कि हर दो में से एक व्यक्ति को अपने जीवनकाल में कैंसर होने की संभावना है। एक रिसर्च में यह बात सामने आई है कि महिलाओं की बजाय पुरुषों में कैंसर और मल्टीपल ट्यूमर का खतरा ज्यादा खतरा होता है।
महिलाओं को किस कैंसर का खतरा
अमेरिकन कैंसर सोसाइटी द्वारा किए गए एक नए अध्ययन में पाया गया है कि पुरुषों में महिलाओं की तुलना में अधिक कैंसर विकसित होने की संभावना है। पुरुषों में धूम्रपान, शराब का इस्तेमाल से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। अध्ययन के अनुसार, महिलाओं की तुलना में पुरुषों में कैंसर के विकास का जोखिम 1.3 से 10.8 गुना अधिक था।
पुरुषों में सबसे ज्यादा बढ़े हुए जोखिम एसोफैगल कैंसर (10.8 गुना अधिक जोखिम), गैस्ट्रिक कार्डिया (3.5 गुना अधिक), और मूत्राशय के कैंसर (3.3 गुना अधिक जोखिम) के लिए देखे गए थे। शोधकर्ताओं ने पाया कि महिलाओं की तुलना में पुरुषों में केवल थायराइड और पित्ताशय की थैली के कैंसर के मामले कम थे।
जेनेटिक कारणों से बढ़ता है खतरा
इस 16 साल की अवधि के दौरान, पुरुषों में 17,951 कैंसर शुरू हुए जबकि 8,742 महिलाओं में विकसित हुए। इन मामलों के विश्लेषण के बाद, यह निष्कर्ष निकाला गया कि जोखिम कारकों और कार्सिनोजेन्स के संपर्क में आने के बाद पुरुषों में अधिकांश कैंसर विकसित होने का खतरा बढ़ गया था।
नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट की डॉ सारा जैक्सन के मुताबिक, “हमारे नतीजे बताते हैं कि कैंसर की घटनाओं में अंतर है, जो केवल पर्यावरणीय जोखिम से नहीं समझाया जा सकता है। इससे पता चलता है कि पुरुषों और महिलाओं के बीच आंतरिक जैविक अंतर(genetic difference) हैं, जो कैंसर की संवेदनशीलता को प्रभावित करते हैं।” लेखकों का कहना है कि यह समझने के लिए और अधिक शोध की आवश्यकता है कि कैंसर के जोखिम के संबंध में पुरुषों और महिलाओं के बीच मतभेद क्यों हैं।
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