दोस्तो आज का दिन बुधवार है जो एक पावन दिन है और आप तो जानतें ही हैं कि आज के दिन विघ्नहर्ता श्री गणेश की पूजा की जाती है इसलिए आज हम आपके लिए गणेश जी की एक पौराणिक कथा लाए हैं। हो सकता है कि आपने इस कथा को पहले भी सुना हो लेकिन जिन्हें नहीं पता है हम उन्हें बता रहे हैं कि आखिर गणेश जी ने दो शादियां क्यों की थीं। आइए पढ़ते हैं यह कथा।
पौराणिक कथा के अनुसार, गणेश जी अपने शरीर को लेकर काफी परेशान रहते थे। एक बार गणेश जी देख तुलसी मोहित हो गईं। उन्होंने गणेश जी से विवाह करने का प्रस्ताव रखा। लेकिन गणेश जी ने विवाह के इनकार कर दिया। यह सुन तुलसी जी नाराज हो गईं। उन्होंने गणेश जी को श्राप दिया कि उनके दो विवाह होंगे। इसी के चलते गणेश जी के दो विवाह हुए थे।
गणेश जी की शरीर के बनावट के चलते उनके विवाह में देरी हो रही थी। इससे उन्हें क्रोध आने लगा। वे देवताओं की विवाह में बाझा डालने लगे। सभी देवगण उनसे परेशान हो गए थे। तब सभी देवता ब्रह्माजी के पास गए और अपनी परेशानी बताई। ब्रह्मा जी ने अपनी मनसा पुत्रियों को जिनका नाम रिद्धि और सिद्धि था, गणेश जी के पास भेजा। वो दोनों गणेश जी समझाने लगीं। जैसे ही किसी देवता की शादी की बात आती वो गणेश जी का ध्यान भटका देतीं। ऐसे में देवताओं का विवाह शांतिपूर्वक होने लगा।
फिर एक दिन ब्रह्मा जी ने गणेश जी के सामने रिद्धि-सिद्धि से विवाह करने का प्रस्ताव रखा। इस प्रस्ताव को गणेश जी ने स्वीकार कर लिया और फिर गणेश जी का विवाह रिद्धि और सिद्धि के साथ संपन्न हुआ।
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