नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली (Captain Virat Kohli) की कप्तानी का रिकॉर्ड जो है वह किसी से छिपा नहीं है। टी-20 में 45 में से 27, वन डे में 95 में से 65 और टेस्ट क्रिकेट में 65 में से 37 मैचों में जीतने के बाद भी फिर क्यों विराट कोहली (Captain Virat Kohli) को अपनी कप्तानी छोड़नी पड़ी। कप्तानी छोड़ने का ऐलान करते हुए कोहली ने कहा कि वर्कलोड को समझना एक बहुत ही अहम बात है और पिछले 8-9 सालों में सभी 3 फॉर्मेट्स में खेलने और पिछले 5-6 सालों से नियमित रूप से कप्तानी करने पर काफी वर्कलोड को देखते हुए, मुझे लगता है कि टेस्ट और वनडे क्रिकेट में भारतीय टीम की अगुवाई करने के लिए पूरी तरह से तैयार होने के लिए खुद को स्थान देने की जरुरत है।
बा दें कि विराट कोहली की अगुवाई में टीम इंडिया वनडे क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन कर रही थी और इंग्लैंड में हुए वर्ल्ड कप 2019 में भारतीय टीम बेहद शानदार प्रदर्शन करते हुए सेमीफाइनल में पहुंच भी गई थी। खिताब की प्रबल दावेदार मानी जा रही टीम इंडिया का वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड से मुकाबला हुआ, लेकिन बारिश से बाधित मुकाबले में 240 रन का लक्ष्य टीम इंडिया हासिल नहीं कर सकी और उसे हार का सामना करना पड़ा। विराट कोहली के कप्तान बनने के बाद वनडे वर्ल्ड कप से पहले 2017 में टीम इंडिया आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी खेलने उतरी। टीम इंडिया चैंपियंस ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन करते हुए फाइनल में पहुंची और खिताबी जंग में उसका मुकाबला चिर-प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान से होना था।
वहीं 18 जून, 2017 को हुए खिताबी जंग में टीम इंडिया का प्रदर्शन बिखरा सा नजर आया और पाकिस्तान ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवर में 4 विकेट पर 338 रन बना डाले। 339 रनों के लक्ष्य के जवाब में टीम इंडिया बिखर गई और 31वें ओवर में ही 158 रन पर आउट हो गई और उसे 180 रन से हार का सामना करना पड़ा। आईसीसी के टूर्नामेंट में तब किसी भी टीम की रनों के मामले में ये सबसे बड़ी हार थी, जबकि आईसीसी के किसी खिताबी जंग में कोहली की पहली हार थी।
विराट कोहली इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में शुरुआत से ही खेल रहे हैं और 2008 से ही रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू (RCB) की टीम के साथ जुड़े हुए हैं। डैनिएल विटोरी के रिटायरमेंट के बाद कोहली 2013 में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू के कप्तान बने, किन्तु लेकिन वह टीम को अब तक कोई खिताब नहीं दिला सके।
विदित हो कि 2013 में उनकी कप्तानी में आरसीबी पांचवें स्थान पर रही थी। 3 साल बाद कोहली की कप्तानी में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू 2016 के लीग में फाइनल में पहुंची थी, लेकिन तब खिताब नहीं जीत सकी। कोहली बल्ले से लगातार रन बनाते रहे लेकिन टीम को खिताब नहीं दिला सके. इसके बाद टीम फिर कभी फाइनल में नहीं पहुंच सकी।
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