डेस्क: हिंदू धर्म में पूजा पाठ में माथे पर तिलक लगाने का बहुत पुराना रिवाज चला आ रहा है. कोई भी पूजा हो सबसे पहले देवी- देवताओं का तिलक किया जाता है. उसके बाद ही पूजा में बैठे सभी लोगों का तिलक किया जाता है. हर तरह की पूजा तिलक लगाने से ही शुरू होती है ,बिना तिलक किए पूजा अधूरी मानी जाती है. तिलक लगाने के धार्मिक और आध्यात्मिक दोनों ही तरफ से लाभ बताए जाते हैं.
हिंदू मान्यताओं के अनुसार मस्तक पर तिलक लगाने से माना जाता है कि तिलक लगाने से सभी देवी देवताओं की कृपा प्राप्त होती है. तिलक लगाने के बारे में यह भी कहा गया है कि इससे व्यक्ति का मन और मस्तिष्क शांत रहता है, जो भी व्यक्ति मस्तिष्क पर तिलक लगाता है, उसके ऊपर नकारात्मक शक्तियां कभी हावी नहीं होती हैं.
माना जाता है प्रतिदिन माथे पर तिलक लगाने से मन को शांति मिलती है. मन के शांत रहने से फालतू के चिड़चिड़ापन और गुस्से से भी निजात मिलती है. मन खुश रहता है, जिससे भक्ति और अपने लक्ष्य की तरफ सही तरीके से ध्यान फोकस होता है.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार तिलक लगाना शुभ माना जाता है और किसी भी कार्य को शुरू करने से पहले ईश्वर के आशीर्वाद के साथ -साथ तिलक भी लगाया जाए तो कार्य पूरा होने के अवसर ज्यादा बनते हैं.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कुंडली में स्थित ग्रह अगर नकारात्मक प्रभाव दे रहे हों तो रोज तिलक लगाने से नकारात्मक ग्रहों का प्रभाव शांत होता है. इसलिए भी लोग माथे पर तिलक लगाते हैं.
तिलक लगाना न सिर्फ धार्मिक कारणों से अच्छा माना जाता है, बल्कि स्वास्थ्य कारणों से भी तिलक लगाना अच्छा माना जाता है. कहा जाता है माथे पर रोज तिलक लगाने से दिमाग की तंत्रिकाएं शांत रहती हैं, जिससे सिरदर्द जैसी समस्या भी परेशान नहीं करती हैं. आयुर्वेद के अनुसार नींद न आने की समस्या या टेंशन की समस्या में माथे के बीच में मसाज करने और चंदन का तिलक लगाने से लाभ मिलता है.
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