मॉस्को: रूस और यूक्रेन के बीच जंग (Russia Ukraine War) जारी है. जहां इस समय दो नामों की सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है, उनमें रूसी राष्ट्रपति पुतिन (President Putin) और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की (President Zelensky) शामिल है. हालांकि, एक और नाम है, जो इस समय चर्चा में बना हुआ है. वह है रूसी अरबपति रोमन अब्रामोविच.
खिलौने बेचने से शुरू किया कारोबार
‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ की रिपोर्ट के अनुसार, रोमन अब्रामोविच (Roman Abramovich) ने 20 साल की उम्र में मॉस्को स्थित अपार्टमेंट से प्लास्टिक के खिलौने बेचने का कारोबार शुरू किया था. 1995 तक आते-आते यह 29 वर्षीय व्यक्ति अरबपति बनने की राह पर थे. हालांकि, अब वह खिलौनों में नहीं, बल्कि तेल और गैस के साथ डील कर रहे थे.
मिली सरकारी मदद
रोमन अब्रामोविच (Roman Abramovich) के पेट्रोलियम का खेल इतना आसान नहीं था. उनके राजनीतिक रूप से जुड़े सलाहकार बोरिस बेरेजोव्स्की ने राष्ट्रपति बोरिस येल्तसिन से रूस के सरकारी स्वामित्व वाले कच्चे तेल की रिफाइनरी ‘सिबनेफ्ट’ को संदिग्ध नीलामी के जरिए हासिल किया. द गार्जियन की रिपोर्ट में कहा गया है कि अब्रामोविच ने सिबनेफ्ट की 90% हिस्सेदारी को करीब 1.5 अरब रुपये में हासिल किया. जबकि, इसकी वास्तविक कीमत 18 अरब रुपये से अधिक की थी.
पुतिन के राष्ट्रपति बनने पर हुई तरक्की
अब्रामोविच पर पश्चिमी देशों ने कई प्रतिबंध लगा दिए हैं. उनकी कई संपत्तियां फ्रीज हो गई हैं. इसके बावजूद उन्होंने खुद को यूक्रेन और रूस के बीच शांति के लिए मध्यस्थ के रूप में पेश किया है. अब्रामोविच (Roman Abramovich) 3 साल की उम्र में अनाथ हो गए थे. उन्होंने युवावस्था में मैकेनिक के रूप में काम किया. हालांकि, अब्रामोविच ने 2000 में व्लादिमीर पुतिन के राष्ट्रपति बनने के बाद काफी तरक्की की. अब्रामोविच ने पुतिन के प्रति निष्ठा निभाने का वचन दिया.
अरबों रुपये कमाए
उन्हें इसका इनाम भी मिला, जब रूस की सरकारी स्वामित्व वाली ऊर्जा कंपनी गजप्रोम ने सिबनेफ्ट में उनकी 72% हिस्सेदारी 13 बिलियन 98 करोड़ रुपये में खरीदी. उन्होंने रूसी एल्युमीनियम कंपनियों की बिक्री से भी अरबों रुपये कमाए, जिन्हें उन्होंने सस्ते में खरीदा था. हालांकि, अब्रामोविच ने हमेशा पुतिन शासन से दूरी बनाए रखी. इस बीच, उन्होंने आर्ट में योगदान दिया, साथ ही यहूदी धर्मार्थों को दान दिया, 2003 में चेल्सी फुटबॉल क्लब (Chelsea Football Club) को 11 अरब से अधिक रुपये खरीदकर, इंग्लैंड में उदार व्यक्ति की छवि पेश की.
शांति वार्ता में निभा रहे हैं रोल
24 फरवरी को रूसी टैंकों के यूक्रेन में प्रवेश करने के कुछ घंटों बाद, अब्रामोविच मास्को के लिए उड़ान पर थे. हालांकि, वह पुतिन के साथ मीटिंग नहीं कर पाए. सूत्रों का कहना है कि शांति वार्ता में मध्यस्थ के रूप में उन्हें पुतिन का समर्थन प्राप्त है. तब से वह यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की (President Zelensky) से मिलने के लिए कम से कम दो बार कीव गए हैं. हालांकि, जेलेंस्की को अब्रामोविच के इरादों पर शक है. वह मानते हैं कि अब्रामोविच यूक्रेन के मैसेज को रूसी सरकार तक पहुंचा रहे हैं. इसके बावजूद जेलेंस्की ने अमेरिका को अब्रामोविच पर प्रतिबंध न लगाने के लिए कहा था, ताकि वह शांति के लिए प्रयास जारी रख सकें.
खुद के लिए कर रहे हैं प्रयास?
हालांकि, शायद सच्चाई यह है कि अब्रामोविच यूक्रेन, रूस या शांति के लिए नहीं, बल्कि खुद के लिए प्रयास कर रहे हैं. पुतिन के शासन से संबंध होने के आरोप के बाद प्रतिबंधों ने उनसे चेल्सी क्लब छीन लिया. उन्होंने अपने सुपरयाच एक्लिप्स और सोलारिस को तुर्की बंदरगाहों पर भेजकर बाल-बाल बचाया. उनकी स्टीलमेकिंग फर्म एवरेज के शेयरों का मूल्य पहले से ही 85% नीचे है. अब्रामोविच इस युद्ध में बहुत कुछ खोने की कगार पर हैं. वह अगर इसे किसी तरह रोक सकते हैं तो वह इतिहास रच सकेंगे.
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