नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर सुबह से ही दिल्ली क्राइम ब्रांच की टीम डटी है. एक ओर जहां दिल्ली क्राइम ब्रांच की टीम सीएम को खुद नोटिस देने पर अड़ी है, जबकि सीएम आवास की ओर से कहा जा रहा है कि क्राइम ब्रांच की टीम कार्यालय में नोटिस रिसीव करवा दे. दरअसल, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर शनिवार को उस समय नाटकीय घटनाक्रम हुआ, जब क्राइम ब्रांच की टीम भाजपा द्वारा आम आदमी पार्टी के कुछ विधायकों की खरीद-फरोख्त करने का प्रयास किए जाने संबंधी आरोपों की जांच के सिलसिले में नोटिस देने के लिए शनिवार सुबह सीएम आवास पहुंची.
सहायक पुलिस आयुक्त स्तर के अधिकारी के नेतृत्व वाले दल ने इस बात पर जोर दिया कि वे नोटिस केवल केजरीवाल को सौंपेंगे क्योंकि यह उनके नाम पर है, जबकि मुख्यमंत्री आवास के अधिकारियों ने कहा कि वे नोटिस लेने के लिए तैयार हैं. आम आदमी पार्टी सूत्रों ने दावा किया कि पुलिस मुख्यमंत्री की छवि खराब करने के लिए मीडिया को अपने साथ लेकर आई. फिलहाल, सीएम आवास पर नोटिस को लेकर तकरार जारी है.
दरअसल, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर करीब 4 घंटे से दिल्ली क्राइम ब्रांच टीम मौजूद है. मगर अब तक सीएम केजरीवाल ने नोटिस रिसीव नहीं किया है. अधिकारी अब भी बाहर खड़े हैं. इस टीम में एसीपी रैंक के तीन अधिकारी हैं. सीएम आवास की तरफ से क्राइम ब्रांच टीम को कहा गया है कि आप ऑफिस में नोटिस रिसीव करवा दीजिए, मगर अधिकारी पर्सनली नोटिस देने की बात कह रहे हैं. नोटिस लेने-देने पर अब विवाद गहराता जा रहा है और बयानबाजी भी शुरू हो गई है.
क्राइम ब्रांच की टीम शुक्रवार शाम को भी अरविंद केजरीवाल और दिल्ली की मंत्री आतिशी के आवास पर पहुंची थी. सूत्रों ने कहा कि उन्हें कल शाम को नोटिस नहीं दिया जा सका क्योंकि केजरीवाल के आवास पर अधिकारियों ने इसे लेने से इनकार कर दिया था और आतिशी भी आवास पर मौजूद नहीं थीं. अरविंद केजरीवाल ने पिछले सप्ताह आरोप लगाया था कि भाजपा ने दिल्ली में उसकी सरकार को गिराने के लिए उसके सात विधायकों को 25-25 करोड़ रुपए देने की पेशकश की है.
दिल्ली की मंत्री आतिशी ने भी पिछले सप्ताह यहां संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि भाजपा ने दिल्ली में ‘ऑपरेशन लोटस (कमल) 2.0’ शुरू किया है. आतिशी ने कहा, ‘उन्होंने आप विधायकों को पैसे की पेशकश कर अपने पाले में करने की इसी तरह की कोशिश पिछले साल भी की थी, लेकिन वे असफल रहे.’ भाजपा की दिल्ली इकाई के प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने ये आरोप लगाए जाने के बाद 30 जनवरी को शहर के पुलिस प्रमुख से मुलाकात की थी और आरोपों की जांच किए जाने की मांग की थी. दिल्ली स्थित पुलिस मुख्यालय में दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा से मुलाकात के बाद सचदेवा ने कहा था कि केजरीवाल से अपने आरोप साबित करने के लिए कहा गया था लेकिन ‘आप’ ने कोई सबूत नहीं दिया है.
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