• img-fluid

    मिग विमानों को ढोते रहना क्यों है वायुसेना की मजबूरी?

  • January 20, 2022

    – योगेश कुमार गोयल

    कुछ ही दिनों पहले राजस्थान के जैसलमेर जिले में सुदासरी नेशनल डेजर्ट पार्क के पास वायुसेना का एक लड़ाकू विमान ‘मिग-21’ गिर गया था, जिसमें पायलट विंग कमांडर हर्षित सिन्हा की मौत हो गई थी। दरअसल पायलट हर्षित सिन्हा ने अभ्यास के लिए उड़ान भरी ही थी कि तकनीकी खराबी के कारण हुई मिग विमान दुर्घटना का शिकार हो गया। हालांकि वायुसेना द्वारा इस मिग हादसे के मामले की जांच की जा रही है लेकिन चिंता की बात यही है कि मिग-21 के साथ हुआ यह हादसा कोई पहला हादसा नहीं है बल्कि एक के बाद लगातार इस तरह की घटनाएं सामने आ रही हैं। इससे पहले 25 अगस्त 2021 को भी प्रशिक्षण उड़ान के दौरान राजस्थान के बाड़मेर जिले के भूरटिया गांव में एक मिग-21 एक झोपड़ी पर जा गिरा था। विमान तो जल गया था लेकिन गनीमत थी कि पायलट बच गया था। 20 मई 2021 को भी पंजाब के मोगा जिले के लंगियाना खुर्द गांव के पास एक मिग-21 दुर्घटनाग्रस्त हुआ था लेकिन उस हादसे में उस मिग को उड़ा रहे स्क्वॉड्रन लीडर अभिनव चौधरी की मौत हो गई थी। वर्ष 2021 में दो और मिग-21 भी दुर्घटनाग्रस्त हुए थे, जिनमें एक पायलट बच गया था लेकिन दूसरे की मौत हो गई थी।

    विडम्बना यह है कि पिछले विगत पांच दशकों में पांच सौ से भी ज्यादा मिग विमान हादसों के शिकार हो चुके हैं और इन दर्दनाक हादसों में हम अपने दो सौ से भी ज्यादा जांबाज पायलटों को खो चुके हैं। लगातार बढ़ रहे मिग हादसों को लेकर करीब ढाई-तीन साल पहले तत्कालीन वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ ने इन विमानों के बारे में कहा था कि हमारी वायुसेना जितने पुराने मिग विमानों को उड़ा रही है, उतनी पुरानी तो कोई कार भी नहीं चलाता। उन्होंने कहा था कि भारतीय वायुसेना की स्थिति बिना लड़ाकू विमानों के बिल्कुल वैसी ही है, जैसे बिना फोर्स की हवा। उनके मुताबिक मिग विमानों को बनाने वाला देश रूस भी अब इनका इस्तेमाल नहीं करता। मिग-21 विमान लगातार गिर रहे हैं और वायुसेना इन हादसों की लगातार कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी कराती रही है। ऐसे में लगातार यह सवाल उठता रहा है कि फिर वायुसेना इन्हें ढो क्यों रही है?

    बता दें कि वायुसेना को 1964 में पहला सुपरसोनिक मिग-21 विमान मिला था। भारत ने रूस से 872 मिग विमान खरीदे थे। इन विमानों ने 1971 के युद्ध और करगिल की लड़ाई सहित कई विपरीत परिस्थितियों में अपना लोहा मनवाया। बहुत पुराना होने के बावजूद फरवरी 2019 में पाकिस्तान के एफ-16 लड़ाकू विमान को गिराकर इसने अपनी सफलता की कहानियों में एक और अध्याय जोड़ दिया। भारतीय वायुसेना के पास इस समय मिग-21 के अलावा सौ से ज्यादा मिग-23, मिग-27, मिग-29 और 112 मिग बाइसन हैं। मिग बाइसन में एक बड़ा सर्च एंड ट्रैक रेडार लगा है, जिससे गाइडेड मिसाइल फायर होती है। अधिकतम 2230 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाले मिग विमान में दो हजार किलो तक गोला-बारूद ले जाया जा सकता है। यह केमिकल, क्लस्टर जैसे वॉरहेड भी प्रयोग कर सकता है और इसके कॉकपिट के बायीं ओर से 420 राउंड गोलियां बरसाने का भी इंतजाम है। मिग बाइसन अपग्रेड किए हुए मिग विमान हैं, इसलिए उनका इस्तेमाल जारी रहेगा। बाकी सभी मिग विमानों को चरणबद्ध तरीके से वायुसेना से बाहर किया जाना है।

    रक्षा विशेषज्ञों की मानें तो मिग विमान 1960 और 70 के दशक की तकनीक से बने थे। सही मायनों में मिग विमानों को 1990 के दशक में ही सैन्य उपयोग से बाहर कर दिया जाना चाहिए था, क्योंकि इनकी उम्र दो दशक से ज्यादा समय पहले ही पूरी हो चुकी है। इनकी इतनी दुर्घटनाएं हो चुकी हैं कि अब इन्हें ‘हवा में उड़ने वाला ताबूत’ भी कहा जाता है। मिग का न तो इंजन विश्वसनीय रहा और न इनसे सटीक निशाना लग पाता है लेकिन फिर भी हम इन्हें अपग्रेड कर इनकी उम्र बढ़ाने की कोशिश करते रहे हैं और तमाम ऐसी कोशिशों के बावजूद इनकी कार्यप्रणाली धोखा देती रही है। ये चल इसलिए रहे हैं क्योंकि इनके पुर्जे भारत में बन जाते हैं और मरम्मत भी यहीं हो जाती है।

    हालांकि कोई कह सकता है कि भारत में अब वायुसेना के पास राफेल, सुखोई और तेजस जैसे अत्याधुनिक लड़ाकू विमान भी तो हैं, फिर मिग-21 ही क्यों? दरअसल भारतीय वायुसेना को अभी तक इन विमानों की खेप पूरी नहीं मिली है और इसमें लंबा समय भी लगेगा। सवाल है, क्या तब तक मिग गिरता रहेगा और मिग से भी कीमती हमारे जांबाज पायलट मारे जाते रहेंगे?

    (लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार है।)

    Share:

    रिलायंस जियो ने 30791 करोड़ रुपये की देनदारियों को चुकाया

    Thu Jan 20 , 2022
    -रिलायंस जियो ने समय से पहले किया सभी स्पेक्ट्रम का भुगतान नई दिल्ली। रिलायंस जियो इंफोकॉम लिमिटेड (Reliance Jio Infocomm Limited) (आरजेआईएल) ने दूरसंचार विभाग (डीओटी) (Department of Telecommunications (DOT)) को 30,791 करोड़ रुपये का भुगतान (30,791 crore paid) कर दिया है। रिलायंस जियो ने बुधवार को कहा कि उसने मार्च 2021 की नीलामी से […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    शुक्रवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved