नई दिल्ली। मणिपुर में पिछले हफ्ते म्यांमार के 718 नागरिक अवैध रूप से घुस गए। मणिपुर सरकार ने कहा कि म्यांमार के 301 बच्चों और 208 महिलाओं सहित कम से कम 718 नागरिकों ने पिछले हफ्ते राज्य में अवैध रूप से प्रवेश किया। गृह विभाग की ओर से जारी बयान के अनुसार, भारत-म्यांमार सीमा पर तैनात सुरक्षा बल असम राइफल्स ने 22-23 जुलाई को चंदेल जिले में म्यांमार के नागरिकों के अवैध रूप से प्रवेश करने की सूचना दी थी।
मुख्य सचिव विनीत जोशी ने असम राइफल्स से जानना चाहा कि म्यांमार के नागरिकों को बिना यात्रा दस्तावेज के भारत में प्रवेश की अनुमति कैसे दी गई। उन्होंने असम राइफल्स को इन अवैध प्रवासियों को तुरंत देश से भेजने का निर्देश दिया। जोशी ने एक बयान में कहा, ‘‘मुख्यालय 28 सेक्टर असम राइफल्स से रिपोर्ट मिली है कि 718 शरणार्थी भारत-म्यांमार सीमा को पार कर न्यू लाजांग के आम क्षेत्र में घुस आए हैं। म्यांमार के इन 718 नागरिकों में 209 पुरुष, 208 महिलाएं और 301 बच्चे शामिल हैं।” इससे पहले, म्यांमार के 13 नागरिकों ने 22 जुलाई को लाजांग इलाके में प्रवेश किया था।
मणिपुर में म्यांमार के 301 बच्चों और 208 महिलाओं की अवैध एंट्री
बयान में कहा गया है कि 23 जुलाई को म्यांमार के कुल 230 नागरिक न्यू लाजांग में, 89 न्यू समताल में, 143 यांग्नोमफाई गांव में, 175 यांग्नोमफाई सॉ मिल में, 30 ऐवोमजंग में और 38 भोंससे में अवैध रूप से दाखिल हुए। केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देशों के मुताबिक, राज्य सरकार ने सीमा की सुरक्षा करने वाले असम राइफल्स को डॉक्यूमेंट के बिना मणिपुर में म्यांमार के नागरिकों की एंट्री को रोकने के लिए सख्त कार्रवाई करने का स्पष्ट निर्देश दिया था।
सरकार ने चंदेल जिले के उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक (एसपी) को अवैध प्रवासियों की निगरानी करने और म्यांमार के सभी नागरिकों का बायोमेट्रिक डेटा और तस्वीरें रखने की सलाह दी है।
मणिपुर म्यांमार की 398 किमी लंबी सीमा
गौरतलब है कि मणिपुर म्यांमार के साथ 398 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है। मणिपुर के कुकी समुदाय के साथ जातीय संबंध साझा करने वाले चिन समुदाय के लोग म्यांमार में रहते हैं। सीएम बीरेन खुद मैतेई समाज से आते हैं, ऐसे में कुकी समाज मानता है कि मुख्यमंत्री उनसे पक्षपात करते हैं। सोशल मीडिया पर ऐसे ही एक नाराज यूजर से सीएम ने पूछ लिया था कि तुम मणिपुर से हो या फिर म्यांमार से।
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