नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल विधानसभा में मंगलवार (3 सितंबर 2024) को रेप के खिलाफ विधेयक पेश किया गया, जिसमें दोषी को फांसी की सजा का प्रावधान किया गया है. इस दौरान विधानसभा के अंदर ममता बनर्जी ने कहा, “बलात्कार के खिलाफ सख्त सजा होनी चाहिए, ये समाज का विष है. जब भी इस तरह की घटना होती है तो मैं खुद अपनी कलम से लिखती हूं. जब कोलकाता की घटना हुई थी तब भी मैंने अपने शब्दों को कलमबद्ध किया था.”
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, “43 साल पहले इसी दिन 1981 में, संयुक्त राष्ट्र ने महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए ‘महिलाओं के खिलाफ सभी प्रकार के भेदभाव के उन्मूलन पर सम्मेलन’ के लिए एक समिति बनाई थी… मैं नागरिक समाजों से लेकर छात्रों तक सभी का अभिनंदन करती हूं, जो महिला सुरक्षा के लिए आवाज उठा रहे हैं.”
ममता बनर्जी ने कहा कि कोर्ट हमारे हाथ में नहीं है, कोर्ट तो उनके हाथ में है जो विपक्ष में बैठे हैं. बंगाल में कामदुनी के मामले में जो भी विपक्ष कर रहा है उसको जवाब देना हमारा भी अधिकार है. विपक्ष कह रहा है कि रेप केस किसकी जिम्मेदारी है? मैं समझती हूं कि विपक्ष जितने भी कागज लेकर आया है खासतौर से न्यूज आर्टिकल… उसमें कई सारी फेक न्यूज भी हैं. मै उसकी जांच चाहती हूं.
ममता बनर्जी ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि भाजपा के विधायक जहा खुद बलात्कार के आरोपी होते हैं, वहां पर BJP चुप्पी क्यों साध लेती है. इसका भी जवाब देना जरूरी है. वहां पर इंसाफ तो दूर की बात है, वहां तो आरोपी जिसका बलात्कार करता है उस पीड़िता को भी खत्म कर दिया जाता है. उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बदलापुर, उत्तराखंड ओडिशा और कई अन्य जगह ऐसे कई मामले हैं. ये वे इलाके हैं, जहां दोषियों को सजा नहीं बल्कि पीड़िता को ही मौत के घाट उतार दिया गया. आप इसे इंसाफ कहते हैं.. शर्म आनी चाहिए आपको इस तरह के इंसाफ पर.
ममता बनर्जी ने आगे कहा कि हमें लोगों को और ज़्यादा जागरूक करना पड़ेगा. खासतौर से बलात्कार के मामलों में जागरुकता बढ़ाने की आवश्यकता है. ये समाज के लिए बहुत नुकसानदायक है. राजा राममोहन राय के इसी बंगाल में इस सस्ती दाल का विरोध हुआ था. राजीव गांधी जब प्रधानमंत्री थे तब बंगाल में बना हुआ क़ानून ही पूरे देश में कानून बनकर पारित हुआ था. मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है, लेकिन वहां से कोई जवाब नहीं आया है. जब भारतीय न्याय संहिता को पारित किया जा रहा था तभी मैंने विरोध किया था. राज्यों से बिना बातचीत के ये नए क़ानून पारित किए गए. क्योंकि केंद्र सरकार राज्य सरकार और राज्य की पुलिस के साथ बातचीत नहीं करती है, इसलिए हमें मजबूर होकर बंगाल के सम्मान के लिए हम यह बिल लाना पड़ा है.
ममता बनर्जी ने बीजेपी के नेताओं को संबोधित करते हुए कहा कि जिस तरह से आप हमारे लिए बोलते हैं और मेरे लिए अपशब्दों का इस्तेमाल करते हैं, क्या कभी भी उस तरह से तृणमूल कांग्रेस ने BJP या फिर प्रधानमंत्री के ख़िलाफ ऐसे शब्द इस्तेमाल किए हैं. हम ऐसा नहीं करते हैं क्योंकि हम बंगाल में माताओं और बहनों का सम्मान करते हैं. आप मुझे बता दीजिए कि जब किसी बलात्कारी का फूल माला पहनाकर सम्मान किया जाए तो इसका क्या संदेश जाता है. बीजेपी के राज में बिलकिस बानो के अपराधियों को माला पहनाकर सम्मानित किया गया था.
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