Shani Dev Katha: हिंदू धर्म (Hindu Religion) में सप्ताह का हर वार किसी न किसी देवी-देवता की पूजा और व्रत के लिए समर्पित होता है। शनिवार का दिन भगवान शनि को समर्पित होता है। इस दिन भगवान शनि की पूजा करने से कुंडली से शनि दोष (Shani Dosha) से मुक्ति मिलती है।
यहां तक कि हिंदू धर्म में शनिदेव (Shani Dev) को कर्म फल दाता कहा जाता है। मान्यता है कि भगवान शनि लोगों के कर्मों के हिसाब से उन्हें फल देते हैं। इसके अलावा शास्त्रों में शनिवार को हनुमान जी की पूजा करने के महत्व के बारे में बताया गया है।
जैसे रविवार का दिन सूर्य देव को, बुधवार का दिन श्रीगणेश को, सोमवार का दिन शिवजी को. इसी तरह से शनिवार का दिन शनि देव की पूजा और मंगलवार का दिन हनुमानजी की पूजा के लिए समर्पित है, लेकिन शनिवार के दिन शनि देव के साथ ही हनुमान जी की भी पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है और इस दिन हनुमान जी की पूजा करने से शनि देव भी प्रसन्न होते हैं। शनिवार के दिन हनुमान जी की पूजा करने के पीछे एक पौराणिक कथा है।
पौराणिक कथाओं में हनुमान जी ने शनि देव की सहायता की और रावण की कैद से उन्हें मुक्त कराया. इससे भगवान शनि देव प्रसन्न हुए और हनुमान जी को वरदान मांगने को कहा. हनुमान जी ने शनि देव से कहा, जो भक्त शनिवार के दिन मेरी पूजा करेगा, आप उसे अशुभ फल नहीं देंगे। शनि देव ने हनुमान जी की बात पर हामी भर दी. इसके बाद से ही शनिवार के दिन शनि देव के साथ हनुमान जी की भी पूजा करने का विधान है।
वहीं बतातें कि शनिवार के दिन पूजा करने वाले भक्तों पर हनुमान जी और शनि देव की कृपा बनी रहती है, इसलिए जो भक्त श्रद्धा-भक्ति से हनुमानजी की पूजा करते हैं, उसे शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के प्रभाव से भी राहत मिलता है।
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