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    इंडोनेशिया में भूकंप क्यों मचाते हैं इतनी तबाही, ये क्यों ‘रिंग ऑफ फायर’ देश

    November 25, 2022

    नई दिल्ली: इंडोनेशिया एक ऐसा देश है, जहां प्राकृतिक आपदाएं काफी आती हैं. हाल ही में वहां जावा में 5.6 तीव्रता के भूकंप ने अच्छी खासी तबाही मचा दी है. इसमें 160 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं तो बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है. इसी साल इंडोनेशिया में 04 बड़े भूकंप आ चुके हैं, जिनकी तीव्रता 5.5 से लेकर 6.6 तक रही है. इंडोनेशिया भूकंप की जिस पट्टी पर है, उसे पैसिफिक क्षेत्र में रिंग ऑफ फायर भी कहा जाता है. वहां केवल भूकंप ही नहीं बल्कि ज्वालामुखी और सूनामी का खतरा भी हमेशा रहता है.

    ये ऐसा देश है जो लगातार प्राकृतिक आपदाओं का सामना करता रहता है. दुनियाभर में भूकंप गतिविधियों की निगरानी करने वाली संस्था यूएसजीएस के अनुसार इंडोनेशिया हमेशा से ही भूकंप को लेकर काफी संवेदनशील रहा है. वहां 1901 से लेकर 2019 के पीरियड में 07 से ज्यादा तीव्रता के 150 से ज्यादा भूकंप आ चुके हैं. यहां ज्वालामुखी लगातार फटते रहते हैं या सक्रिय हो जाते हैं.

    इंडोनेशिया में कई सक्रिय ज्वालामुखी हैं, जिसमें कोई भी कभी जब सक्रिय होते हैं तो पता भी नहीं चल पाता. तब तुरत-फुरत 03 से 07 किलोमीटर एरिया के गांवों को खाली कराया जाता है ताकि उसके बहते लावे और आग के साथ फैलती राख से बचाव हो सके. 04 साल पहले ही इंडोनेशिया में ज्वालामुखी फटा और इसके साथ ही सुनामी भी आ गई. जिसमें बड़े पैमाने पर लोग हताहत हुए. इस सुनामी से करीब 20 मीटर ऊंची लहरें उठीं.

    इंडोनेशिया में हमेशा आते हैं भूकंप और सुनामी
    इंडोनेशिया में लगातार आने वाले भूकंप और सुनामी फिर चर्चा का विषय बन गए हैं. वहां लगातार तगड़े भूकंप आते हैं. चूंकि ये पूरा देश द्वीपों के तौर पर समुद्र के किनारे या उसके बीच है, लिहाजा भूकंप आते ही यहां सूनामी का तय ही होता है. और तो और समुद्र के किनारे बसे होने के कारण इस पूरे देश के तमाम हिस्सों का उसके जलस्तर के बढ़ने से डूबने का खतरा है. यही वजह है कि इंडोनेशिया जकार्ता की जगह नई राजधानी बना रहा है, क्योंकि जकार्ता के खुद कुछ सालों में आधा डूब जाने की आशंका है.


    क्यों इंडोनेशिया में आती है इतनी प्राकृतिक तबाही?
    इसके बाद से लगातार यह सवाल लोगों के मन में है कि आखिर इंडोनेशिया में ऐसा क्या है कि यहां सबसे ज्यादा प्राकृतिक तबाही आती है? दरअसल इंडोनेशिया,जावा और सुमात्रा जैसे देशों में ऐसा इसलिए होता है क्योंकि यह इलाका ‘रिंग ऑफ फायर’ इलाके में आता है. प्रशांत महासागर के किनारे-किनारे स्थित यह इलाका दुनिया का सबसे खतरनाक भू-भाग है.

    क्या है रिंग ऑफ फायर?
    इंडोनेशिया एक एक्टिव भूकंप जोन में स्थित है. यही कारण है कि यहां पर इतने ज्यादा भूकंप आते हैं. इंडोनेशिया प्रशांत महासागर में स्थित ‘रिंग ऑफ फायर’ का हिस्सा है.

    ‘रिंग ऑफ फायर’ प्रशांत महासागर के बेसिन का इलाका है. जहां पर कई ज्वालामुखी फटते रहते हैं और तगड़े भूकंप के झटके आते हैं. भूकंप के चलते ही इसके आस-पास के समुद्रों में सुनामी का जन्म होता है. यह रिंग ऑफ फायर का इलाका करीब 40 हज़ार किमी के दायरे में फैला है. यहां पर विश्व के कुल एक्टिव ज्वालामुखियों के 75 फीसदी ज्वालामुखी हैं.

    अमेरिका के जियोलॉजिकल सर्वे की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इसी इलाके में दुनिया के 90 फीसदी भूकंप आते हैं और बड़े भूकंपों में से भी 81 फीसदी इसी इलाके में आते हैं. यहां आने वाले भूकंपों का सीधा संबंध धरती के नीचे वाली प्लेट के खिसकने से है. जिनके खिसकने का कारण एक्टिव ज्वालामुखी भी होते हैं.

    2004 में आई सुनामी आज भी यहां लोगों को डराती है
    इस भूकंप और सुनामी के चलते लोगों को 14 साल पहले की सुनामी की तबाही की याद हो आई है, जब रिक्टर स्केल पर 9.1 के भूकंप ने सुनामी को जन्म दिया था, जिसका बहुत बुरा असर सुमात्रा पर हुआ था. इतना बुरा कि इसे दुनिया के जाने हुए इतिहास की सबसे खतरनाक प्राकृतिक आपदाओं में से एक माना जाता है. इसका असर 14 देशों पर पड़ा था. इस सुनामी का बड़ा शिकार इंडोनेशिया भी बना था. जहां इस सुनामी के बाद इंडोनेशिया में 1 लाख 68 हज़ार लोगों की मौत हो गई थी.

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