नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस (Republic day) की पूर्व संध्या पर घोषित किए गए पद्म अवार्ड (Padma Award) को लेकर विवाद की स्थिति बन गई है। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर खुद को पद्म विभूषण सम्मान दिए जाने के ऐलान के बाद बंगाल के पूर्व सीएम बुद्धदेव भट्टाचार्य (Buddhadeb Bhattacharjee) की प्रतिक्रिया चौंकाने वाली थी।
पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य (Buddhadeb Bhattacharjee) ने पद्म भूषण अवार्ड यह लेने से मना कर दिया है कि उन्हें इसके बारे में बताया ही नहीं गया, हालांकि सरकारी सूत्रों का कहना है कि वह बीमार थे और उनके परिजनों से संपर्क किया गया था, जिन्होंने पुरस्कार लेने से इनकार नहीं किया था, हालांकि यह पहला मौका नहीं है, जब किसी हस्ती ने पद्म सम्मान लेने से इनकार किया है।
बता दें कि इससे पहले ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक की बहन गीता मेहता ने 2019 में पद्म श्री सम्मान लेने से इनकार कर दिया था। उन्हें सरकार ने शिक्षा और साहित्य में योगदान के लिए सम्मानित करने का फैसला लिया था, लेकिन गीता मेहता ने पुरस्कार की टाइमिंग पर सवाल उठाते हुए इसे लेने से इनकार कर दिया था। उनका कहना था कि आम चुनाव से पहले यह सम्मान दिया जा रहा है। ऐसे में इसकी टाइमिंग पर सवाल उठता है। इससे सरकार और मेरे लिए ऐसी स्थिति पैदा हुई है, जो दुखद है। उनका मानना था कि केंद्र सरकार की ओर से यह पुरस्कार उन्हें इसलिए देने का फैसला लिया गया ताकि नवीन पटनायक की पार्टी बीजू जनता दल के समर्थक वर्ग में सेंध लगाई जा सके।
विदित हो कि भट्टाचार्य साल 2000 से 2011 तक पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री रहे थे। इसके साथ ही वह कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) के पोलितब्यूरो के सदस्य भी रह चुके हैं। बुद्धदेव भट्टाचार्य का जन्म एक मार्च 1944 को उत्तरी कोलकाता में हुआ था। उनके पुरखों का घर बांग्लादेश में है।