उज्जैन। भुगतान नहीं होने के कारण कल नगर निगम के एक ठेकेदार ने मुख्य द्वार पर जहर घटक लिया था, उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया और उसके बाद ठेकेदारों ने नगर निगम में तालाबंदी कर प्रदर्शन किया। इस मामले में निगम आयुक्त का कहना है कि भुगतान की पूरी व्यवस्था पारदर्शी है और शासन से बजट आने पर ही ठेकेदारों का रोस्टर के अनुसार भुगतान किया जाता है। कल शाम को नगर निगम के मुख्य द्वार के समीप ठेकेदार फिरोज पिता नन्हे खां ने जहर घटक लिया था। बाद में उन्हें उनके साथी अस्पताल ले गए जहां उन्हें भर्ती किया गया, इसके बाद सभी ठेकेदार इक_े हुए और उन्होंने नगर निगम के मुख्य द्वार पर प्रदर्शन किया। संभागायुक्त और विधायक से भी शिकायत की।
इस मामले में जब निगमायुक्त अंशुल गुप्ता से पूछा गया तो उनका कहना था कि जब से मैं यहां पदस्थ हूं तब से भुगतान की पूरी व्यवस्था पारदर्शी है। कोई भी आकर देख सकता है। चक्रीय क्रम में हर ठेकेदार को बजट आने पर भुगतान किया जा रहा है और बजट नहीं आता है तो भुगतान कैसे करें। नगर निगम का हर महीने का खर्च ही 12 करोड़ है, इसमें साढ़े 8 करोड़ के करीब निगम के कर्मचारियों का वेतन, ढाई करोड़ के आसपास स्ट्रीट लाइट का बिजली बिल और एक करोड़ अन्य खर्च शामिल हैं। इसके अलावा यदि कोई बजट आता है तो उसमें से भुगतान किया जाता है और कोरोना के कारण सरकार अभी राशि कम भेज रही है, इसके चलते ठेकेदारों को एक साथ भुगतान नहीं किया जा सकता। फिर भी शासन से हमने राशि मांगी है जैसे ही राशि आती है वैसे ही ठेकेदारों को भुगतान किया जाएगा। पहले भी ठेकेदारों के बकाया में से कुछ प्रतिशत राशि भुगतान की जा रही है और शासन से यदि पूरा बजट मिलेगा तो पूरी राशि दान कर दी जाएगी। उल्लेखनीय है कि निगम के ठेकेदारों के करीब 90 करोड़ रुपए से ज्यादा बकाया है। उल्लेखनीय है कि भुगतान में लगातार हो रहे विलंब को देखते हुए पिछले दिनों ठेकेदारों ने निगमायुक्त से मुलाकात भी की थी और इससे पहले कई ठेकेदारों ने काम तक बंद कर दिया था। बाद में आश्वासन के बाद कुछ काम शुरु हो पाए थे। इसी दौरान कल यह घटना हो गई और एक बार फिर भुगतान में विलंब का मामला चर्चाओं में आ गया।
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