नई दिल्ली. अमेरिका (America) के कॉलेज और यूनिवर्सिटीज (Colleges and Universities) में छात्रों (students) के प्रदर्शन तेज हो गए हैं. ये प्रदर्शन इजरायल (Israel) के खिलाफ और फिलीस्तीन (Palestine) के समर्थन में हो रहे हैं. वैसे तो छात्र कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन पुलिस की कार्रवाई के बाद छात्र भड़क उठे हैं. जानकारी के मुताबिक, अभी तक कोलंबिया यूनिवर्सिटी में ही इजरायल विरोधी प्रदर्शन हो रहे थे, लेकिन अब कई यूनिवर्सिटी में भी ऐसे प्रदर्शन होने लगे हैं, जिसमें हार्वर्ड यूनिवर्सिटी भी शामिल है.
टेक्सास यूनिवर्सिटी के ऑस्टिन कैम्पस से अब तक 34 छात्रों को गिरफ्तार किया जा चुका है. बताया जा रहा है कि स्थिति संभालने के लिए ट्रूपर्स को भी उतार दिया गया है. कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी से भी छात्रों और पुलिस के बीच झड़प की तस्वीरें और वीडियो सामने आ रहे हैं. हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में हालात बिगड़ते जा रहे हैं. बताया जा रहा है कि फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारियों ने यूनिवर्सिटी के अंदर कैम्प बनाने के लिए कैम्पस पर धावा बोल दिया. इसके बाद कैम्पस में सिर्फ आईडी होल्डर्स को ही एंट्री दी जा रही है.
इस बीच अमेरिकी संसद के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स के स्पीकर माइक जॉन्सन ने हालात संभालने के लिए नेशनल गार्ड्स को उतारने का सुझाव दिया है. अमेरिका में नेशनल गार्ड्स की तैनाती बड़े खतरों से निपटने के लिए की जाती है. सदर्न कैलिफोर्निया कैम्पस में सैकड़ों छात्र टेंट लगाकर प्रदर्शन कर रहे थे. हालात तब बिगड़ गए जब कुछ प्रदर्शनकारी छात्रों और यूनिवर्सिटी के सुरक्षा विभाग के अधिकारियों के बीच झड़प हो गई. बाद में पुलिस को भी बुलाना पड़ गया. इसी तरह हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के यार्ड कैम्पस में भी सैकड़ों छात्रों ने धावा बोल दिया और इमरजेंसी रैली का आह्वान कर दिया. ये सब तब हुआ, जब यूनिवर्सिटी ने सिर्फ आईडी होल्डर छात्रों को ही कैम्पस में एंट्री का आदेश जारी किया.
प्रदर्शनकारी छात्रों की मांगें क्या हैं?
कॉलेज और यूनिवर्सिटी में प्रदर्शन कर रहे हजारों छात्रों ने गाजा में स्थायी सीजफायर की मांग की है. इसके साथ ही उन्होंने अमेरिका की ओर से इजरायल को दी जा रही सैन्य सहायता रोकने की भी मांग की है.
प्रदर्शनकारियों में कौन शामिल?
प्रदर्शनकारी फिलिस्तीन समर्थक और इजरायल विरोधी बताए जा रहे हैं. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, इस प्रदर्शन में सिर्फ छात्र बल्कि फैकल्टी भी शामिल हैं. दावा है कि प्रदर्शनकारियों में यहूदी और इस्लाम को मानने वाले छात्र भी हैं.
अब तक क्या कार्रवाई हुई?
कॉलेज-यूनिवर्सिटी अथॉरिटी और पुलिस अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कार्रवाई की है. कोलंबिया समेत कई यूनिवर्सिटी के सैकड़ों छात्रों को निलंबित कर दिया गया है. कोलंबिया में 100 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया है. येल पुलिस ने भी 60 से ज्यादा प्रदर्शनकारी छात्रों को गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तारी से पहले इन्हें कई बार चेतावनी भी दी गई थी. न्यूयॉर्क पुलिस ने बताया कि न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी से 120 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया है.
बाइडेन-नेतन्याहू ने क्या कहा?
अमेरिका में इजरायल विरोधी प्रदर्शनों को इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने खतरनाक बताया. उन्होंने इन प्रदर्शनों को रोकने के लिए और कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है. इतना ही नहीं, नेतन्याहू ने इन प्रदर्शनों की तुलना नाजी जर्मनी से भी कर दी. व्हाइट हाउस ने इन प्रदर्शनों की निंदा करते हुए इसकी तुलना आतंकवादियों की भाषा से की है. वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी इनकी निंदा की है. बाइडेन ने मीडिया से बात करते हुए न सिर्फ इजरायल विरोधी प्रदर्शनकारियों की निंदा की, बल्कि उन लोगों की भी आलोचना की जिन्हें ये नहीं पता कि फिलिस्तीन में क्या चल रहा है.
भारत ने क्या कहा?
अमेरिका में हो रहे इन प्रदर्शनों पर भारत का भी बयान आ गया. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की आजादी और सुरक्षा व्यवस्था के बीच संतुलन होना चाहिए. जायसवाल ने अमेरिका पर कटाक्ष करते हुए कहा कि हम सभी को इस बात से आंका जाता है कि हम घर में क्या करते हैं, न कि इस आधार पर कि हम विदेश में क्या करते हैं. उन्होंने ये भी बताया कि इंडियन एंबेसी भारतीय छात्रों के साथ संपर्क में है.
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