नई दिल्ली: लोकसभा (Lok Sabha) में मंगलवार को भी राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा (Discussion on President’s address) हुई. इस दौरान संसद के निचले सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान अपनी बात रखी. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. अपने भाषण के दौरान मोदी ने कहा कि यह लगातार तीसरी बार है जब कांग्रेस पार्टी 100 का आंकड़ा नहीं पार कर सकी है. उन्होंने राहुल गांधी के हिंदु वाले बयान को लेकर भी पलटवार किया और सवाल पूछा कि इस देश के हिंदुओं के साथ ये है आपका व्यव्हार?
पीएम मोदी विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि इन लोगों का झूठ हमारे देश के नागरिकों की विवेकबुद्धि पर आशंका व्यक्त करता है. इनका झूठ देश के सामान्य विवेद बुद्धि पर एक तमाचा मारने की निर्लज हरकत है. ये हरकतें देश की महान परंपराओं पर तमाचा है. आदरणीय सभापति जी, सदन में शुरू हुई झूठ की परंपरा पर कठोर कार्रवाई करेंगे, ये देशवासियों की भी और इस सदन की भी अपेक्षा है. कांग्रेस ने संविधान और आरक्षण पर भी हमेशा झूठ बोला है.
उन्होंने कहा कि आज मैं 140 करोड़ देशवासियों के सामने सच्चाई रखना चाहता हूं. आपातकाल का ये 50वां वर्ष है. इमरजेंसी सिर्फ और सिर्फ सत्ता के लोभ के खातिर, तानाशाही मानसिकता के कारण देश पर थोपा गया तानाशाही शासन था. कांग्रेस क्रूरता की सभी हदें पार कर गई. उसने अपने ही देशवासियों पर क्रूरता का पंजा फैलाया था. और देश के ताने-बाने के छिन्न-विछिन्न करने का पाप किया. सरकारों को गिराना, मीडिया को दबाना, हर कारनामे संविधान की भावना के खिलाफ, संविधान की धाराओं के खिलाफ, संविधान के एक-एक शब्द के खिलाफ थी.
पीएम मोदी ने कहा कि ये वो लोग हैं जिन्होंने प्रारंभ से देश के दलितों के साथ, पिछड़ों के साथ घोर अन्याय किया है. इसी कारण से बाबा साहब अंबेडकर ने कांग्रेस की दलित विरोधी, पिछड़ा विरोधी मानसिकता के कारण नेहरू जी की कैबिनेट से इस्तीफा दिया था. उन्होंने पर्दाफाश किया था कि कैसे नेहरू जी ने दलितों-पिछड़ों के साथ अन्याय किया और बाबा साहब अंबेडकर ने कैबिनेट से इस्तीफा देते हुए जो कारण बताए थे, वो इनके चरित्र को दर्शाते हैं.
उन्होंने कहा कि 131 साल पहले स्वामी विवेकानन्द जी ने शिकागो में कहा था कि मुझे गर्व है कि मैं उस धर्म से आता हूं जिसने पूरी दुनिया को सहिष्णुता और वैश्विक स्वीकृति सिखाई है. 131 साल पहले हिंदू धर्म के लिए स्वामी विवेकानन्द जी ने अमेरिका के शिकागो में दुनिया के दिग्गजों के सामने कहा था. हिंदू सहनशील है, हिंदू अल्पत्व को लेकर जीने वाला समूह है. इसी कारण भारत का लोकतंत्र, भारत की इनती विविधताएं आज उसी के कारण पनपी है और पनप रही है. गंभीर बात है कि आज हिंदुओं पर झूठा आरोप लगाने की साजिश हो रही है. गंभीर ष्ड्यंत्र हो रहा है. ये कहा गया हिंदू हिंसक होते हैं, ये हैं आपके संस्कार? ये है आपका चरित्र? ये है आपकी सोच? ये है आपकी नफरत? इस देश के हिंदुओं के साथ ये कारनामे? ये देश शताबदियों तक इसे भूलने वाला नहीं है.
पीएम मोदी ने आगे कहा कि कुछ दिन पहले हिंदुओं में जो शक्ति की कल्पना है, उसके विनाश की घोषणा की गई थी. आप किस शक्ति के विनाश की बात करते हैं? ये देश सदियों से शक्ति का पात्र है. ये मेरा बंगाल मां दुर्गा की पूजा करता है. आप उस शक्ति के विनाश की बात करते हो? इन्होंने हिंदू आतंकवाद शब्द गढ़ने की साजिश की थी. इनके साथी हिंदू धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया ऐसे शब्दों से करें और ये लोग तालियां बजाएं. ये देश कभी माफ नहीं करेगा. एक सोची समझी रणनीति के तहत इनका पूरा इकोसिस्टम हिंदू परंपरा, हिंदू समाज, इस देश की संस्कृति, इस देश की विरासत को नीचा दिखा, उसे गाली देना, उसे अपमानित करना, हिंदुओं को मजाक बनाना, इसे फैशन बना दिया है और उसको संरक्षण देने का काम अपने राजनीति स्वार्थ के लिए ऐसे तत्व कर रहे हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा कि हम बचपन से सीखते हुए आए हैं. गांव का हो, शहर का हो. गरीब हो, अमीर हो. इस देश का हर बच्चा-बच्चा ये जानता है ईश्वर का हर रूप दर्शन के लिए होता है. ईश्वर का कोई भी रूप निजी स्वार्थ के लिए प्रदर्शन के लिए नहीं होता है. जिसके दर्शन होते हैं, उसके प्रदर्शन नहीं होते हैं. हमारे देवी-देवताओं का अपमान 140 करोड़ देशवासियों के दिलों को चोट पहुंचा रहा है. निजी राजनीति स्वार्थ के लिए ईश्वर के रूपों का इस प्रकार का खेल. ये देश कैसे माफ कर सकता है? सदन के कल के दृश्यों देखकर अभी हिंदू समाज को भी सोचना होगा क्या ये अपमानजनक बयान संयोग है या कोई प्रयोग की तैयारी है? ये हिंदू समाज को सोचना पड़ेगा. हमारी सेनाएं देश का अभिमान हैं. सारे देश को उनके साहस और हमारी सेना की वीरता पर गर्व है.
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