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    मोदी सरकार ने क्यों बुलाया संसद का विशेष सत्र? इधर विपक्ष हुआ हैरान

  • September 03, 2023

    नई दिल्‍ली (New Delhi)। नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के नेतृत्‍व वाली केंद्र सरकार ने 18 से 22 सितंबर के बीच संसद का विशेष सत्र  (special session of parliament) बुलाने का फैसला कर कई सियासी अटकलों को हवा दे दी है। संसदीय कार्य मंत्री प्रल्‍हाद जोशी (Minister Pralhad Joshi) ने गुरुवार को सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म ‘एक्स’ (X) पर यह जानकारी दी! उन्‍होंने लिखा, ‘संसद का स्पेशल सेशन 18 से 22 सितंबर को बुलाया गया है। ये नए संसद भवन में होगा!  इसमें पांच बैठकें होगीं।’ संसद का शीतकालीन सत्र अमूमन नवंबर माह में होता है, इससे पहले विशेष सत्र के ऐलान ने विपक्ष को हैरान कर दिया है।



    विशेष सत्र की घोषणा के साथ ही चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है कि स्‍पेशल सत्र में समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) , एक देश-एक चुनाव और महिला रिजर्वेशन पर विधेयक लाया जा सकता है। इसके साथ ही जी-20 की अध्‍यक्षता और चंद्रयान-3 की चांद पर सफल लैंडिंग का जश्‍न नई संसद में मनाए जाने का लेकर भी अटकलों का बाजार गर्म है, हालांकि विशेष सत्र के एजेंडे के बारे में आधिकारिक तौर पर सरकार की ओर से कोई बात फिलहाल सामने नहीं आई है. माना जा रहा है कि 9-10 सितंबर को होने वाले G-20 शिखर सम्‍मेलन के बाद इस बारे में स्थिति साफ हो सकेगी।

    बता दें, एक देश-एक चुनाव पीएम मोदी की प्राथमिताओं में रहा है और वे कई बार सार्वजनिक रूप से इस बारे में बोल चुके हैं. 26 जून 2019 को राष्ट्रपति अभिभाषण पर राज्यसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए पीएम ने एक देश-एक चुनाव को चुनाव सुधार प्रक्रिया का अहम हिस्‍सा बताया था और विपक्षी दलों से इस दिशा में गंभीरता से विचार का आग्रह किया था. बता दें, वर्ष 2023 के अंत में मध्‍यप्रदेश, छत्‍तीसगढ़ और राजस्‍थान सहित पांच राज्‍यों में विधानसभा चुनाव होने हैं जबकि अगले वर्ष आम चुनाव के अलावा आंध्र प्रदेश, ओडिशा जैसे कुछ राज्‍यों में विधानसभा चुनाव हैं!

    संसद का स्‍वरूप : राष्‍ट्रपति और दो सदन-राज्यसभा और लोकसभा, संसद का अहम हिस्‍सा है.हालांकि संसद का घटक होते हुए भी राष्ट्रपति किसी भी सदन की चर्चा में भाग नहीं लेता है, उसके पास संसद के दोनों सदनों को बुलाने और स्थगित करने का संवैधानिक अधिकार है.

    सत्र बुलाने का अधिकार सरकार के पास
    * बजट सत्र (फरवरी-मार्च)
    * मानसून सत्र (जुलाई-अगस्त)
    * शीतकालीन सत्र (नवंबर-दिसंबर)

    संसद सत्र बुलाने की शक्ति सरकार के पास है.यह निर्णय संसदीय मामलों की कैबिनेट समिति द्वारा किया जाता है, जिसे बाद में राष्ट्रपति द्वारा औपचारिक रूप से मंजूरी दी जाती है। वैसे तो भारत में कोई निश्चित संसदीय कैलेंडर नहीं है, लेकिन परंपरागत तौर पर संसद के तीन सत्र आयोजित होते है।

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